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PATNA : इस वक्त एक ताजा खबर सामने आ रही है. पटना में चल रही बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. नीतीश सरकार की इस अहम बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं. इस मीटिंग में कुल 61 एजेंडों पर मुहर लगी है. आरा में पदस्थापित तत्कालीन डीपीओ को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. इनके ऊपर 35 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है.
सर्व शिक्षा अभियान की राशि में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता एवं करोड़ों रुपये की राशि का गबने करने के मामले में बिहार सरकार ने बड़ी करवाई करते हुए आरा के तत्कालीन डीपीओ मो० इरशाद अंसारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इनके ऊपर पहले ही निलंबन की कार्रवाई की गई थी. आपको बता दें कि बिहार शिक्षा परियोजना के डीपीओ इरशाद अंसारी के कार्यकाल एवं घोटाले की जांच निगरानी अन्वेशन व्यूरो से कराने की अनुशंसा की गयी थी. जिसमें वो दोषी पाए गए थे.
तत्कालीन डीपीओ अंसारी का कार्यकाल काफी विवादित रहा और सुपौल जिले में पदस्थापन के दौरान इनके विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगे थे. अंसारी द्वारा उनके स्थानांतरण हेतु अधिसूचना जारी होने के बावजूद सर्व शिक्षा अभियान के तहत 35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गयी थी. इतना ही नहीं अंसारी के विरुद्ध जिले के किसनपुर थाना में कांड संख्या 72/13 भी दर्ज है. जिसमें वे नामजद आरोपी बनाये गये थे.
सुपौल में भी पदस्थापन के दौरान डीपीओ अंसारी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी राशि के गबन को अंजाम दिया था. स्थानीय विद्यापुरी वार्ड नंबर दो निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह के आवेदन पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी द्वारा मामले की जांच करायी गयी, जिसमें सभी आरोप सत्य पाये गये. जिसके बाद अंसारी के विरुद्ध प्रपत्र (क) गठित कर कार्रवाई प्रारंभ की गयी थी. जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि डीपीओ अंसारी को विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण किये जाने का अहसास हो चुका था. जिसके कारण सर्व शिक्षा अभियान के तहत विभिन्न विद्यालयों के बीच अनियमित तरीके से लगभग 35 करोड़ की राशि का उपावंटन किया गया.
भोजपुर जिला में पदस्थापन के दौरान सर्व शिक्षा अभियान के तहत अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण हेतु तत्कालीन डीएम की ओर से अनुमोदित सूची को डीपीओ अंसारी द्वारा स्वेच्छा अनुसार बदल कर नये विद्यालयों को अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण हेतु राशि निर्गत कर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और राशि की लूट की गई थी. जिले के 8 विद्यालयों को राशि निर्गत करने में डीपीओ अंसारी पर एक करोड़ से अधिक राशि कमीशन के तौर पर लेने का आरोप लगा था.
मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस अफसर के ऊपर कड़ी कार्रवाई की गई. इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसके निलंबन अवधि में भुगतान किये गए जीवन निर्वाह भत्ता को छोड़कर कुछ भी देय नहीं होने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.