ARA: खबर भोजपुर से आ रही है, जहां प्रभारी महिला हेडमास्टर को सस्पेंड किए जाने से नाराज स्कूल की छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा मचाया। गुस्साए छात्रों और उनके परिजनों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी और निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे बीईओ को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। घटना जगदीशपुर के दावां गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय की है।
दरअसल, राजकीय मध्य विद्यालय दावां में तालाबंदी कर छात्र-छात्राओं के साथ परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सभी प्रभारी प्रधानाध्यापिका का निलंबन वापस लेते हुए फिर से स्कूल में योगदान कराने की मांग कर रहे थे। देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ भी स्कूल में जुट गई। कोई स्कूल नहीं खोल सके इसके लिए बच्चे और परिजनों ने मेन गेट पर ताला जड़ दिया था। हंगामे की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची बीईओ अंजू चौधरी को भी बच्चों और परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा।
तालाबंदी की खबर सुनकर स्थानीय मुखिया सुषुमलता कुशवाहा भी मौके पर पहुंची। तब बीईओ द्वारा वरीय अधिकारियों द्वारा निलंबन का पत्र जारी करने का हवाला देने सहित विद्यालय खोल कर वार्ता करने का अनुरोध किया गया लेकिन आक्रोशित नहीं माने और बीईओ से विद्यालय के बाहर ही वार्ता करने की बात कहने लगे। तब बीईओ द्वारा बाहर बैठकर वार्ता करने से मना कर दिया गया। तब थक हार कर बीईओ अपने निजी चारपहिया वाहन में बैठकर जाने लगी। बिना कोई उचित निर्णय हुए बीईओ के जाने पर बच्चों व परिजनों में गुस्सा भर आया और सभी ने बीईओ के गाड़ी को घेरकर वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे।
बीईओ जाने देने का अनुरोध करती रही लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। तब स्कूली बच्चों और परिजनों से घिरी बीईओ ने अपने कार का दरवाजा बंद कर लिया और गाड़ी के अंदर ही बैठ गई। सूचना मिलने पर जगदीशपुर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। बाद में एसडीएम के आश्वासन और बीईओ द्वारा निलंबित प्रधानध्यिका के विद्यालय में पढ़ाने का भरोसा दिलाये जाने के बाद बच्चों व परिजनों का गुस्सा शांत हुआ हालांकि हंगामे के कारण अर्धवार्षिक परीक्षा भी बाधित हो गई।