PATNA : बिहार सरकार पुलिस आधुनिकीकरण का पैसा पुलिसवालों पर खर्च नहीं कर पा रही है. ऐसे में एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिरकार बिहार की पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस के जैसा कैसे मॉडर्न होगी. दरअसल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह बयान दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से बिहार सरकार को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए दी जा रही सहायता राशि का उपयोग नीतीश सरकार पूरी तरह से नहीं कर पा रही है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने निम्न सदन में कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण के लिए जो राशि आवंटित की जाती है, उसका उपयोग प्रमाणपत्र न मिल पाने की वजह से जारी राशि कम होती है. इसकी वजह से आवंटित धनराशि की तुलना में बिहार को हर साल काफी कम धनराशि केंद्र द्वारा दी जा रही है. उन्होंने विस्तार से बताया कि कम राशि मिलने की वजह हर बार यही थी कि जो आवंटन हुआ उसका उपयोग राज्य द्वारा नहीं किया गया.
नित्यानंद राय ने कहा कि उपयोग प्रमाण-पत्र मिलने पर ही केंद्र अगली किश्त जारी करता है. गौरतलब है कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना काफी महत्वपूर्ण है. मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर पुलिस बलों को एके 47 राइफल, यूएवी, नाइट विजन डिवाइस, सीसीटीवी कैमरे, बॉडी योर्न कैमरे सहित कई अन्य उपकरण आधुनिकीकरण योजना के तहत उपलब्ध कराए जाते हैं. साइबर, फोरेंसिक, यातायात पुलिस व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और संचार उपकरण की व्यवस्था भी योजना में की जाती है.
नक्सल प्रभावित इलाकों में निर्माण और ऑपरेशनल वाहनों के प्रस्ताव शामिल करने की छूट भी राज्यों को दी गई है. सूत्रों ने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना का मकसद पुलिस बलों को अपराध और आतंक से लड़ने में सक्षम स्मार्ट बल बनाना और उनकी जरूरतों को पूरा करना है. लेकिन राज्य अपने प्रस्ताव के बावजूद कई बार खर्च में ढिलाई करते हैं. इसकी वजह से उन्हें जो पैसा मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है.