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ARA : बिहार में प्राइवेट अस्पताल किस तरह मरीजों और उनके परिजनों का दोहन कर रहे हैं इसकी बानगी देखनी हो तो आरा कोर्ट के फैसले को देखिए. फिजिशियन डॉक्टर ने एक महिला की सर्जरी की थी, इस मामले में मरीज की मौत के बाद आरा कोर्ट ने डॉक्टर की सर्जरी करने को गंभीर मानते हुए डॉक्टर को 5 साल की सजा सुनाई है.
आरा कोर्ट ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पवन कुमार समेत चार लोगों को 5 साल जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई है. इन पर एक महिला की बच्चेदानी का गलत ऑपरेशन, मृत्यु के बाद भी पटना रेफर करने और कागजात रख लेने का आरोप था. आरा के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का विशेष न्यायाधीश हर्षित सिंह ने गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए मंगलवार को चारों आरोपियों को एससी एसटी एक्ट में सजा सुनाई. अधिवक्ता संजय कुमार के मुताबिक उदवंतनगर थाना के निवासी राहुल कुमार ने अपनी पत्नी की बच्चेदानी का इलाज कराने के लिए जीरोमाइल स्थित यशीला इमरजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया था
मामला अगस्त 2018 का है. राहुल कुमार की पत्नी की बच्चेदानी का सही ऑपरेशन नहीं किया गया. इतना ही नहीं उनकी पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद भी इलाज के लिए डॉक्टरों ने पटना रेफर किया. पटना जाने के दौरान रास्ते में एंबुलेंस से आरोपी भागीरथ प्रसाद चौरसिया फिर ऑपरेशन का सारा डॉक्यूमेंट लेकर भाग निकला.
कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर मामला मानते हुए आरोपियों को सजा सुनाई है और साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने बिना सर्जरी की डिग्री के ऑपरेशन करने को गंभीर माना है. उदवंत नगर थाने में पैसे को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अनुसंधान के बाद 2019 के जून महीने में चार्जशीट दाखिल की गई थी मामला एससी एसटी एक्ट से जुड़ा हुआ था. 19 फरवरी को चारों अभियुक्तों को दोषी पाया था और अब सजा का ऐलान कर दिया गया है.