PATNA : पटना हाई कोर्ट ने बिहार फार्मेसी कॉउन्सिल के रजिस्ट्रार मामले में सुनवाई करते हुए कामकाज पर रोक लगा दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने कथित तौर पर सेवानिवृत के बाद भी बिहार फार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने के मामलें पर सुनवाई की।
उमा शंकर शर्मा की जनहित याचिका में ये कहा गया है कि रजिस्ट्रार की नियुक्ति स्थाई तौर पर पटना हाई कोर्ट द्वारा एक अवमानना मामले में 19 अगस्त, 2011 को दिए गए आदेश को गलत तरीके से परिभाषित करते हुए किया गया था। इन्हें बगैर किसी विज्ञापन, साक्षात्कार व बिहार फार्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 26 (ए) और बिहार सर्विस कोड के नियम 67 (ख) तथा सी सी ए रूल्स के नियम 16 का उल्लंघन कर बहाली कर दी गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिल्पी केशरी का कहना था कि बिहार फार्मेसी कॉउन्सिल के रजिस्ट्रार सेवा निवृत्त हो चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें इस पद पर रखकर काम कराया जा रहा है, जोकि गैर कानूनी है। इस मामले पर आगे की सुनवाई दो सप्ताह बाद कि जाएगी।