PATNA : नीतीश कुमार अपने समाज सुधार अभियान के तहत लगातार नशामुक्ति, बाल विवाह, दहेजप्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे हैं. अब सरकारी विभागों में भी इसका देखने को मिल रहा है. दरअसल, परिवहन विभाग ने सभी चयनित चलंत दस्ता सिपाही को 10 मार्च तक संबंधित डीटीओ कार्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विभाग ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि हर चयनित अभ्यर्थी योगदान के समय घोषणापत्र भी देंगे, जिसमें यह लिखा रहेगा कि ‘हम दहेज नहीं लेंगे’.
अगर प्रमाणपत्र में किसी तरह की गलती होगी तो उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया जायेगा. इसके अलावा चयनित चलंत दस्ता सिपाही को संबंधित शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी देना है. नीतीश कुमार अपने समाज सुधार अभियान के तहत मंच से कहते रहते हैं कि शादी के कार्ड पर लिखवाइए कि हम दहेज़ नहीं लेंगे. साथ ही यह भी कहते हैं कि जो दहेज़ ले उसकी शादी में मत जाइये.
परिवहन विभाग के आदेश के मुताबिक इन सभी चलंत दस्ता सिपाही के पद पर चयनित अभ्यर्थियों की चिकित्सा जांच सिविल सर्जन पटना के अंतर्गत गठित चिकित्सा पर्षद से कराई गई थी. जिसमें इन्हें अयोग्य घोषित किया गया था. इसके बाद पीएमसीएच में इनलोगों की दोबारा जांच करायी गई, जहां इन्हें योग्य पाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद इन सभी की नियुक्ति के लिए विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.