PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न नेशनल हाईवे के निर्माण व रखरखाव के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष इन मामलों पर सुनवाई के दौरान हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 के मामले में डीएम, वैशाली ने हलफनामा दायर किया।
कोर्ट को इसमें बताया गया है कि रामाशीष चौक से अतिक्रमण पूरी तरह से हटा दिया गया है। साथ ही बस स्टैंड को शिफ्ट करने के लिए नगर परिषद को लिखा गया था। लेकिन दो बार टेंडर निकालने के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ। इसलिए राज्य सरकार के नगर विकास विभाग को जमीन अधिग्रहण करने के संबंध में लिखा है। यह भी बताया गया कि है पहले भी अतिक्रमण हटा दिया गया था लेकिन एनएचएआई द्वारा निर्माण नहीं किये जाने की वजह से दोबारा अतिक्रमण बहाल हो गया था।
पुलिस अधीक्षक ने यह आदेश देकर पुलिस बल को तैनात किया है कि रामाशीष चौक से बीएसएनएल गोलंबर तक किसी तरह की पार्किंग नहीं की जाएगी। इस मामले पर एक सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी। साथ ही मुंगेर से मिर्जा चौकी एनएच मामले पर भी सुनवाई हुई। यह दो जिलों मुंगेर और भागलपुर से होकर गुजरता है लेकिन गंगा के किनारे स्थित होने की वजह से हर साल बाढ़ के पानी में बह जाता है। इसलिए बिहार सरकार के आग्रह पर भारत सरकार के सड़क व परिवहन मंत्रालय ने कंक्रीट रोड के निर्माण के लिए टेंडर निकाला है जो महीने के अंत तक फाइनल हो जाएगा।
तब तक राज्य सरकार के सड़क निर्माण विभाग को इसे चलने लायक बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। वहीं एनएच - 80 मुंगेर से मिर्जा चौकी तक वर्तमान सड़क के समानांतर ही ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनाया जाना है। इसे लेकर एनएचएआई द्वारा पैसा जमा करने, जमीन अधिग्रहण की स्थिति, क्षतिपूर्ति की राशि के बंटवारे व कब्जा सौपने के संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा गया है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया कि इसके अलावा महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया सेक्शन पॉकेट-1, एनएच-107 जल्द से जल्द पूरा करने में आने वाले अड़चनों को हटाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया गया है। इस मामले पर अब आगे सुनवाई होगी।