PATNA: बिहार कोरोना को भगा कर ही दम लेगा। हम ऐसा यूं ही नहीं कह रहें। बिहार ने कोरोना से लड़ाई की ठान ली है। बिहार में दनादन मास्क तैयार किए जा रहे हैं। काफी कम समय में एक लाख मास्क तैयार कर लिए गये हैं और अगले सवा लाख का आर्डर भी मिल गया है। कोरोना के खिलाफ 'जंग' में प्रारंभिक तौर पर सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ है।
कहते हैं न कि 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों' कुछ इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है, बिहार की जीविका दीदियों ने। कोरोना के खिलाफ जंग में वे कूद पड़ी हैं। कोरोना को दूर भगाने वाले हथियार को दीदियां दिन-रात एक कर तैयार कर रही हैं। कोरोना की लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार प्रारंभिक तौर पर उससे दूर रखने वाला लाखों मास्क उन्होनें तैयार कर दिया है। जीविका दीदियों की मेहनत रंग लायी है, उन्हें और भी आर्डर मिले हैं। जमुई जिला ने एक लाख मास्क बनाने का आर्डर दिया है तो औरंगाबाद से बाइस हजार मास्क का आर्डर है।
कोरोना आपदा से निपटने के लिए बिहार के 806 जीविका समूहों ने एक लाख मास्क तैयार किया है। सभी जिलों में मास्क बनाए जा रहे हैं। सुपौल जिला में सर्वाधिक 250 समूह मास्क तैयार करने में जुटे हैं। वैशाली में 60, दरभंगा और जहानाबाद में 42, सारण में 36 और कैमूर, कटिहार और पूर्णिया में 30 समूहों ने मास्क बनाए हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार इस बाबत कहते हैं कि मास्क की कालाबाजारी और ऊंचे दाम में बेचे जाने की सूचना के बाद विभाग ने संज्ञान लिया और सीएम नीतीश कुमार की हिदायत के बाद जीविका समूहों को इस काम में लगाया गया है। उन्होनें कहा कि कुछ जिलो में बीच में कच्चे माल की कमी की वजह से काम रूक गया था लेकिन कुल मिलाकर अच्छा रिजल्ट सामने आया है। लगातार काम कर के उन्होनें मास्क तैयार किया है जिससे कोरोना के खिलाफ आगे की लड़ाई लड़ी जा सकेगी।