लॉकडाउन बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार का होमवर्क पूरा, CMG की बैठक के बाद किसी भी वक्त हो सकता है ऐलान

लॉकडाउन बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार का होमवर्क पूरा, CMG की बैठक के बाद किसी भी वक्त हो सकता है ऐलान

PATNA : कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए नीतीश सरकार ने बिहार में 25 मई तक लॉकडाउन कर रखा है. लॉकडाउन के बाद बिहार में संक्रमण की रफ्तार भी कम हुई है लेकिन अब सरकार एक बार फिर लॉक डाउन बढ़ाने जा रही है. नीतीश सरकार ने इसका होमवर्क पूरा कर लिया है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि जल्द ही बिहार में लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद किसी भी वक्त लॉकडाउन बढ़ाए जाने के फैसले का आधिकारिक ऐलान हो सकता है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार की देर शाम राज्य वासियों के लिए एक बार फिर से अपना संदेश जारी किया. इस संदेश के दौरान उन्होंने लोगों से कोरोना को लेकर सचेत रहने की अपील की और साथ ही साथ यह भी कह दिया कि बिहार में लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाना जरूरी है. इसकी घोषणा जल्दी कर दी जाएगी. दरअसल राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण में बिहार में संक्रमण के हालात को लेकर सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी. इस बैठक में मुख्य सचिव ने जिलों से आ रहे रिपोर्ट के आधार पर सभी डीएम से सुझाव मांगे. बैठक में ज्यादातर जिलों के डीएम ने राज्य सरकार यह सुझाव दिया कि जून के पहले हफ्ते तक राज्य में लॉकडाउन बढ़ाया जाए. लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया जाना है हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि ग्रुप की बैठक कब होने वाली है लेकिन किसी भी वक्त इसको लेकर अधिकारिक जानकारी सामने आ सकती है.


माना जा रहा है कि लॉकडाउन में इजाफा होने के बावजूद राज्य सरकार को नए सेक्टर में छूट की घोषणा कर सकती है. नई गाइडलाइन में शहरों की अपेक्षा गांवों में ज्यादा सख्ती देखने को मिल सकती. पिछले दो मौकों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में लॉकडाउन से जुड़ी जानकारी खुद ट्वीट करके दी थी. उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री इस बार भी लॉकडाउन को लेकर सीधे बिहार के जनता को ट्विटर के जरिए जानकारी दे सकते हैं. बिहार में 5 मई से लॉकडाउन जारी है और अब जून के पहले हफ्ते तक इसके विस्तारित होने की संभावना है. बिहार में संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हुई हो लेकिन अभी भी खतरा टला नहीं है, जिसे देखते हुए सरकार ढील देने के मूड में नहीं है. राज्य के 12 जिले अभी भी ऐसे हैं जहां मरीजों का एक्टिव रेसियो राज्य के औसत से कहीं ज्यादा है.