बिहार में ट्रेनें बन रही चलता-फिरता अस्पताल, ECR के पास 4000 कोचों में 32000 आइसोलेशन वार्ड बनाने की क्षमता

बिहार में ट्रेनें बन रही चलता-फिरता अस्पताल, ECR के पास 4000 कोचों में 32000 आइसोलेशन वार्ड बनाने की क्षमता

PATNA : देश में जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या रूकने का नाम नहीं ले रही। देश के 27 राज्यों में फैले एक जानलेवा वायरस की वजह से अबतक 1352 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 32 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 138 लोगों ने अबतक इस वायरस से जंग जीती है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। दो राज्यों केरल और महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंच गई है। ऐसे में रेलवे ने भी निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है। ट्रेन की बोगियों में चलता फिरता अस्पताल तैयार किया जा रहा है।  बिहार में पूर्व मध्य रेलवे ने भी कमर कस ली है।


पूर्व मध्य रेल में फिलहाल 208 कोचों को आईसोलेशन और क्वारेंटाइन के लिए कन्वर्ट किया जा रहा है। हर कोच में आठ बेड यानी फिलहाल 1664 बेड तैयार होंगे। लेकिन, पूर्व मध्य रेलवे के सभी 4000 कोचों को कन्वर्ट करने पर 32 हजार आइसोलेशन बेड की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे हर स्थिति के लिए तैयार है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना के संदिग्ध या मरीजों के क्वारेंटाइन करने में असुविधा नहीं हो।


अभी भारतीय रेल में 5000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में कन्वर्ट करने पर काम शुरू हो गया है। जबकि, भारतीय रेल में करीब 20 हजार कोचों को आइसाेलेशन वार्ड में बदलने की योजना है। इस प्रकार भारतीय रेल में कुल 1.60 लाख आइसोलेशन बेड की व्यवस्था हो सकेगी। ट्रेनों के 15 साल पुराने नॉन एसी कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जाएगा। इसमें जरूरी दवाओं और भोजन के साथ ही वेंटिलेटर व अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की भी व्यवस्था की जाएगी।


कोरोना मरीजों के लिए कैबिन तैयार करने के लिए मिडिल बर्थ को एक तरफ से हटाया जाएगा और बर्थ के सामने की तीनों बर्थों को भी हटाया जाएगा। साथ ही बर्थ पर चढ़ने के लिए लगाई गईं सभी सीढ़ियां भी हटेंगी। आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए बाथरूम में भी मरीज की जरूरत के हिसाब से बदलाव किया गया है। अभी उत्तर रेलवे में एक कोच को प्रोटोटाइप आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है।