PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण की वजह से स्थितियां खतरनाक होती जा रही हैं. कोरोना वायरस से निपटने के इंतजामों की समीक्षा करने के लिए बिहार सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना में आज यानी कि शुक्रवार शाम को एक बैठक बुलाई गई है. कल सर्वदलीय बैठक भी होने वाली है लेकिन इस बैठक से ठीक पहले विपक्ष ने एक बड़ी मांग की है.
बिहार में कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए विपक्ष ने सरकार से तत्काल लॉकडाउन लगाने की मांग की है. एक ओर सर्वदलीय बैठक से पहले सीएम की ओर से राज्य में कोरोना संक्रमण से निपटने के तरीके और हालात की समीक्षा की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि राजधानी पटना और पूरे सूबे की स्थिति को देखते हुए फ़ौरन सरकार को लॉकडाउन लगाना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में कोरोना बेकाबू हो गया है. विशेषकर पटना की स्थिति बहुत ख़राब है. बजट सत्र के दौरान बिहार सरकार ने दावा किया था कि हमारे पास पीपीई किट और जांच किट पर्याप्त मात्रा में है. लेकिन अब ये झूठा साबित हो रहा है. राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन ख़त्म हो गया है. सरकार को लॉकडाउन की ओर तत्काल बढ़ना चाहिए.
उधर कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सहित सभी जिला कार्यालयों को बंद कर दिया गया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस का राज्य मुख्यालय सदाकत आश्रम सहित पूरे राज्य के जिला कार्यालय अनिश्चितकाल के लिए बन्द रहेंगे.
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में सरकारी उदासीनता और प्रशासनिक विफलताओं के कारण स्थिति बेहद विकराल हो गयी है. प्रदेश में जब तक स्थितियां सामान्य नहीं होंगी. तब तक कांग्रेस के प्रदेश से लेकर जिला मुख्यालयों को अनिश्चितकाल तक बन्द करने का फैसला लिया गया है. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि सदाकत आश्रम में केवल आवासीय कर्मचारियों के ही रहने की अनुमति रहेगी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए काले कृषि कानूनों के खिलाफ 5 अप्रैल को प्रस्तावित अपने धरने को पहले ही स्थगित करते हुए राजनीतिक एवं सार्वजनिक कार्यक्रम सहित सभी स्तर कार्यक्रम रद्द कर दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कोरोना के भयावह और घातक परिस्थिति को समझ रही है और सरकार की अकर्मण्यता को देखते हुए उसने ये फैसला लिया है. साथ ही आम जनता से अपील की है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप में अपने और परिवार की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखें.