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1st Bihar Published by: Updated Thu, 02 Apr 2020 06:52:51 AM IST
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PATNA : बिहार में कोरोना के बढ़ने का खतरा दूसरे राज्यों से आने वाले बिहारियों से था लेकिन उससे ज्यादा खतरनाक तबलीगी जमात के लोग साबित हो रहे हैं। बिहार में तबलीगी जमात के 86 लोगों का डाटा स्वास्थ्य विभाग ने अपने सिविल सर्जनों को जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि इन सभी तबलीगी जमात के लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाए। साथ ही साथ उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखने का भी निर्देश दिया गया है। खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने तब्लीगीयों का नाम उनके मोबाइल नंबर के साथ सिविल सर्जनों को भेजा है।
कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से निकले हुए तबलीगी जमात के अब तक लगभग 229 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। देश में बुधवार को 365 नए पॉजिटिव के सामने आए जिसमें मरकज वालों की तादाद सबसे ज्यादा है। दिल्ली की मरकज से निकले तबलीगी हो ने बिहार में भी अलग-अलग जगहों पर अपना डेरा बना रखा है और अब सरकार किसी भी स्तर पर उनका टेस्ट कराकर क्वॉरेंटाइन करना चाहती है।
हालांकि सूत्रों की मानें तो सरकार भले ही 86 सब्जियों की लिस्ट जारी कर रही हो लेकिन बिहार में इनकी संख्या तकरीबन डेढ़ सौ से ज्यादा हो सकती है। इनमें विदेशियों की भी बड़ी तादाद है। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 57 विदेशी इस वक्त बिहार में हैं। एटीएस को विदेशी नागरिकों के बारे में जानकारी मुहैया करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। खुफिया एजेंसियों ने अब तक 10 विदेशियों को ढूंढ निकाला है। मरकज से लौटे अधिकांश विदेशी नागरिक सीमांचल के इलाकों में रुके हुए थे जिनमें बांग्लादेश के रहने वाले लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है। मलेशिया और किर्गिस्तान के भी नागरिक बिहार पहुंचे थे। इन सभी ने भारत आने के लिए यात्रा वीजा का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि मरकज में गये बिहार के 86 में से 72 लोगों को अब तक ट्रेस किया जा चुका है लेकिन अभी भी 14 लोग ऐसे हैं जो या तो फोन नहीं उठा रहे या फिर उनके मोबाइल फोन बंद हैं।