बिहार में मिले कोरोना के 12795 नए मरीज, पटना में राहत लेकिन गया और भागलपुर की हालत खराब

बिहार में मिले कोरोना के 12795 नए मरीज, पटना में राहत लेकिन गया और भागलपुर की हालत खराब

PATNA : बिहार में कोरोना का कहर जारी है. रविवार को सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कुल 12 हजार 795 नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई है. जबकि बिहार में पिछले 24 घंटे के भीतर 68 लोगों की मौत हुई. राजधानी पटना के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. क्योंकि पटना में शनिवार की तुलना में आज लगभग 600 मरीज कम मिले हैं. जिसके कारण राजधानीवासियों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. 


रविवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 12 हजार 795 नए मामलों की पुष्टि हुई है. राजधानी पटना में सर्वाधिक 1848 नए संक्रमित मिले हैं. जबकि यहां शनिवार को 2479 और शुक्रवार को 2801 मरीज मिले थे. इसलिए रविवार का आंकड़ा देखकर राजधानी में रहने वाले लोग थोड़ी राहत की सांस जरूर लेंगे. लेकिन फिर भी लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. क्योंकि पटना में भले ही मामले कम आये हैं लेकिन गया और भागलपुर में कोरोना का कहर जारी है. 


रविवार के आंकड़े के मुताबिक गया जिले में 1340, भागलपुर जिले में 681, औरंगाबाद जिले में 682 और बेगूसराय जिले में 525 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई है, जो कि चिंता का विषय है. इसके अलावा अररिया में 111, अरवल में 132, औरंगाबाद में 682, बांका में 126, बेगूसराय में 525, भोजपुर में 140, बक्सर में 165, दरभंगा में 150, पूर्वी चंपारण में 266, गया में 1340, गोपालगंज में 63 और जमुई में 177 नए मामले सामने आये. 


साथ ही जहानाबाद में 373, कैमूर में 109, कटिहार में 143, खगड़िया में 221, किशनगंज में 112, लखीसराय में 150, मधेपुरा में 207, मधुबनी में 314, मुंगेर में 250, मुजफ्फरपुर 472, नालंदा में 226, नवादा में 222, पूर्णिया में 397, रोहतास में 229, सहरसा में 252, समस्तीपुर में 438, सारण में 707, शेखपुरा में 35, शिवहर में 62, सीतामढ़ी में 134, सीवान में 270, सुपौल में 286, वैशाली में 384 और पश्चिम चंपारण में 347 नए मरीजों की पहचान की गई.



राज्य में तेजी से बढ़ते कोरोना के ने मामलों को देखते हुए नीतीश सरकार ने जल्द से जल्द डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के खाली पड़े पदों को भरने का निर्देश दिया है.  बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने रविवार को बताया कि 534 प्रखंड में एक-एक डॉक्टर कुल 534 डॉक्टरों की तीन महीने के लिए वॉकिंग इंटरव्यू के माध्यम से बहाली की जाएगी. इसके लिए सोमवार को विज्ञापन जारी किया जाएगा. कोरोना काल के लिए ये बहाली होगी. कोरोना काल के बढ़ने पर बहाली के समय को भी बढ़ाया जाएगा. उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना से लड़ाई के बीच एक बड़ा कदम उठाया है. बिहार के मरीजों की जान बचाने के लिए सीएम नीतीश ने गुजरात से 14000 रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने का आदेश दिया है. राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है. 



रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई कि बिहार में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए सीएम नीतीश ने बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने गुजरात के अहमदाबाद से स्पेशल प्लेन भेजकर 14000 रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने का आदेश दिया है. इस ट्वीट में यह भी लिखा गया है कि जल्द से जल्द इस दवाई को बिहार लाया जायेगा. ताकि सही समय पर मरीजों को यह दिया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके. 


गौरतलब हो कि बीते दिन शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि "कोरोना के कारण हमलोग मानवता पर आये अब तक के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. इससे उबरने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जरूरी उपाय कर रही है. इस जंग में आप सभी का सहयोग जरूरी है. कृपया जागरूक और सतर्क रहें, सकारात्मक सोच रखें, डॉक्टरों की सलाह और गाइडलाइंस का पालन करें."


एक अन्य ट्वीट में सीएम ने संयम बरतने और स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मान देने की बात कही. उन्होंने लिखा कि "कोरोना से उत्पन्न विकट समय में स्वास्थ्यकर्मी जिस प्रतिबद्धता के साथ सेवा देकर लोगों की जान बचा रहे हैं, उसके लिए वे अभिवादन के पात्र हैं. यह जरूरी है कि हम सब विपरीत परिस्थितियों में धैर्य बनाये रखें और डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वह सम्मान प्रदान करें, जिसके वे हकदार हैं."


आपको बता दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्ववीट कर कहा था कि राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सभी कोविड-19 के मरीजों का इलाज मुफ़्त में किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि चिकित्सीय सेवाओं और दवाओं पर हुए खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी. बिहार के सभी जिलों के अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर को शीघ्र क्रियाशील करने का निर्देश दिया है. यह कार्य सरकारी प्रयास अथवा निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकेगा.