MUNGER: बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर मुंगेर में सामने आयी है। मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित बीए पार्ट टू की परीक्षा को कॉलेज के बरामदे और छत पर बैठकर छात्र परीक्षा देते नजर आए। यह परीक्षा एनसीसी कैडेट्स की निगरानी में हुई। इस परीक्षा में विक्षक के तौर पर एनसीसी कैडेट्स को लगाया गया था। परीक्षा केंद्र का वीडियो वायरल होने के बाद परीक्षा नियंत्रक कॉलेज में पहुंचे। उनका कहना था कि यहां कदाचारमुक्त परीक्षा चल रही है। एनसीसी कैडेट्स विक्षक का काम नहीं कर रहे हैं। जबकि वायरल हो रही तस्वीर में यह साफ दिख रहा है कि एनसीसी कैडेट्स विक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं।
मुंगेर में दो अलग-अलग परीक्षा केंद्र का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे स्कूल में बैठने की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र विद्यालय की छत पर बीए पार्ट टू की परीक्षा दे रहे हैं, वहीं दूसरी तस्वीर में प्लास्टिक की टेबल पर परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं। पहली तस्वीर मुंगेर विश्वविद्यालय अंतर्गत आरएस कॉलेज तारापुर में स्नातक पार्ट वन और पार्ट टू की हो रही सब्सिडिरी परीक्षा की है। परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण परीक्षार्थी प्लास्टिक के खाने की टेबल और कुर्सी पर परीक्षा दे रहे हैं और कुछ छात्र कॉलेज के छत पर बैठकर परीक्षा देते नजर आ रहे हैं।
वही एनसीसी कैडेट्स परीक्षा संचालन में मदद कर रहे हैं। बताया जाता है की आरएस कालेज तारापुर में इस प्रकार सोमवार को संचालित की गई। स्नातक पार्ट वन और टू के सब्सिडरी पेपर की परीक्षा आयोजित हुई है। पहले यहां रामधनी भगत कालेज का सेंटर था। जिसमें लगभग 700 परीक्षार्थी थे। परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले यहां हरि सिंह कालेज का सेंटर दे दिया गया। इसमें 900 परीक्षार्थी हैं। इस प्रकार इस सेंटर पर कुल 1500 विद्यार्थियों की परीक्षा चल रही है। बेंच डेस्क उतनी संख्या में उपलब्ध नहीं है। यह जानते हुए भी परीक्षा नियंत्रक डॉ. रामाशीष पूर्वे ने यहां सेंटर दे दिया।
वहीं वीडियो वायरल होने के बाद मुंगेर विश्व विद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ रामाशीष पूर्वे आरएस कॉलेज पहुंच कर जांच पड़ताल की। वहीं उन्होंने बताया कि विषम परिस्थिति में यह परीक्षा ली जा रही है। पहले हरि सिंह महाविद्यालय का सेंटर नरेंद्र सिंह कॉलेज में पड़ा था और 25 से परीक्षा शुरू होनी थी लेकिन 23 को पत्र प्राप्त हुआ है कि हम सेंटर नहीं लेंगे। उससे पहले हम लोगों ने गंगा देवी में दिए थे लेकिन छात्रों के विरोध के बाद वहां से चेंज कर दिए। कॉलेज में बरामदा इतना लंबा चौड़ा दिया गया है तो हम लोगों को इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है। वहीं एनसीसी कैडेट्स द्वारा विक्षक का कार्य करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कॉपी वितरण करने का अधिकार उन्हे नहीं है। लेकिन भारत सरकार से अधिकार मिला हुआ है कि शांति व्यवस्था कायम कर सकते हैं। एनसीसी के छात्र काफी अनुशासित होते हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे विक्षक ने कल कार्य किया है और मुंगेर विश्वविद्यालय के अंतर्गत कदाचार मुक्त परीक्षा चल रही है। वायरल वीडियो और फोटो में आप साफ साफ देख सकते हैं कि किस तरह छत पर एनसीसी कैडेट्स स्टूडेंट के बीच कॉपी वितरण कर रहे हैं और एग्जाम कॉल में एक विक्षक की तरह एग्जाम लेते दिखाई दे रहे हैं।इसके अलावा प्लास्टिक के टेबल और कुर्सी लगाकर एक एक टेबल पर चार परीक्षार्थियों को बिठाकर परीक्षा लिया जा रहा है। वहीं हॉल की स्थिति देखकर कदाचार मुक्त परीक्षा होने का सवाल ही नहीं उठता है।
वहीं इसके अलावा वायरल तस्वीर टेटिया बंबर स्थित जगन्नाथ प्लस टू उच्च विद्यालय में नवमी ,दसवीं 11वीं और बारहवीं की जांच परीक्षा आयोजित की गई है।जहां सोमवार को परीक्षा के दौरान छात्र विद्यालय के छत पर खुले आसमान के नीचे फर्श पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं तो कई परीक्षार्थी बरामदे पर फर्श पर ही बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। यह तस्वीर शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल रही है।