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बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की नयी नियमावली की अधिसूचना जारी, विस्तार से समझिये कैसे होगा तबादला?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 14 Oct 2024 05:48:56 PM IST

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की नयी नियमावली की अधिसूचना जारी, विस्तार से समझिये कैसे होगा तबादला?

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PATNA: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग के बनायी गयी नयी नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत बीपीएससी द्वारा नियुक्ति शिक्षकों के साथ साथ सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बनने वाले नियोजित शिक्षकों को इस नीति का लाभ मिलेगा. आज शिक्षकों की नयी स्थानांतरण नियमावली को गजट में प्रकाशित कर दिया गया.


नयी नियमावली के आधार पर शिक्षकों की पहली ट्रांसफर पोस्टिंग तो शिक्षा विभाग खुद करने जा रहा है. लेकिन आगे से ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए तीन स्तर पर कमेटी बना दी गयी है. भविष्य में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जिला स्तर, प्रमंडल स्तर और राज्य स्तर पर तीन कमेटी होगी. 


विस्तार से समझिये किसे और कैसे होगी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग?

गंभीर बीमारी,दिव्यांगता, महिलाओं को प्राथमिकता

सरकार की नयी स्थानांतरण नियमावली में गंभीर बीमारी या दिव्यांगता से जुड़े मामलों में प्राथमिकता के आधार पर ट्रांसफर करने की नीति बनायी गयी है. समझिये इस आधार पर कैसे मिलेगा लाभ

1.    शिक्षकों के खुद, पति-पत्नी और बच्चों के कैंसर रोग से पीड़ित होने पर ट्रांसफर पोस्टिंग में सबसे पहले प्राथमिकता मिलेगी.

2.    खुद, पति-पत्नी या बच्चों के किडनी डायलिसीस, किडनी ट्रांसप्लांट, जन्मजात हृदय रोग, बाईपास सर्जरी, वॉल्व प्रत्यारोपण, स्टंट लगाने, पारालाइसिस, ब्रेन हेमरेज, लीवर सिरोसीस, लीवर ट्रांसप्लांट जैसी बीमारी से ग्रसित होने पर भी ट्रांसफर-पोस्टिंग में दूसरे नंबर पर प्राथमिकता मिलेगी. 

3.    खुद, पति-पत्नी या बच्चों के दिव्यांगता यानि दृष्टि बाधित, मूक बधिर, अस्थि दिव्यांग, मनोविकार, बहु दिव्यांग होने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में तीसरे नंबर पर प्राथमिकता मिलेगी. सेवा काल में दुर्घटनाग्रस्त होने या सर्जरी के कारण दिव्यांग होने पर भी इसी श्रेणी के तहत ट्रांसफर पोस्टिंग में प्राथमिकता मिलेगी. 

4.    खुद, पति-पत्नी या बच्चों के ऑटिज्म, मानसिक पक्षाघात या दूसरी गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित होने पर भी ट्रांसफऱ पोस्टिंग में चौथे नंबर पर प्राथमिकता मिलेगी.

5.    इसके बाद सभी विधवाओं औऱ परित्यक्त महिलाओं को ट्रांसफर-पोस्टिंग में प्राथमिकता मिलेगी.

6.    उपर उल्लेखित सभी श्रेणी के बाद महिलाओं को ट्रांसफर पोस्टिंग में प्राथमिकता दी जायेगी.

7.    इसके बाद उन महिला शिक्षिकाओं का नंबर आयेगा जिनके पति की पोस्टिंग कहीं दूसरी जगह पर है. उन्हें पति की पोस्टिंग वाली जगह के पास ट्रांसफर किया जायेगा. 


कहां हो सकेगा ट्रांसफऱ?

सरकार की नयी नियमावली में उल्लेखित है कि उपर वर्णित मामलों में शिक्षकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए विकल्प देना होगा. उनकी वहां पोस्टिंग की जायेगी. लेकिन उनकी पोस्टिंग खुद के गृह पंचायत, नगर निकाय, पति या पत्नी के गृह पंचायत या नगर निकाय के साथ साथ फिलहाल जहां वे पोस्टेड हैं वहां के नगर पंचायत या नगर निकाय में नहीं होगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि दिव्यांगता या बीमारी के संबंध में सिर्फ सिविल सर्जन कार्यालय से जारी हुआ सर्टिफिकेट ही मान्य होगा. दूसरा कोई सर्टिफिकेट देने पर विचार नहीं किया जायेगा. 


पुरूष शिक्षकों के लिए अलग सिस्टम

सरकार की नयी स्थानांतरण नीति में पुरूष शिक्षकों के लिए अलग सिस्टम रखा गया है. उनका ट्रांसफर जिला का दिये गये विकल्प के आधार पर होगा. पुरूष शिक्षकों की पोस्टिंग अपने गृह अनुमंडल में नहीं होगी. 


ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए ये होंगी शर्तें

1.    शिक्षा विभाग के अधीन विभिन्न विद्यालयों में विहित वेतनमान में नियुक्त नियमित शिक्षक, स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षक, सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक और बी०पी०एस०सी० द्वारा नियुक्त और कार्यरत शिक्षक है.

2.     सरकारी स्कूलों में नियमित वेतनमान वाले 10 परसेंट शिक्षक हों, नियोजित शिक्षकों, विशिष्ट शिक्षक और बीपीएससी टीचर की संख्या 30-30 परसेंट हो, इसे सुनिश्चित करना होगा. इसे स्थानान्तरण और पदस्थापन के समय ध्यान में रखा जायेगा. 

3.    शिक्षकों का पदस्थापन /स्थानान्तरण उसी आर्डर में किया जायेगा जिसका जिक्र सबसे पहले किया गया है. 

4.    किसी भी स्कूल में महिला शिक्षकों के पदस्थापन /स्थानान्तरण की अधिसीमा 70 प्रतिशत होगी.

5.    हर शहरी निकाय को एक इकाई मानकर स्थानान्तरण की कार्रवाई की जाएगी.

6.    शिक्षकों को उनके सेवाकाल के प्रत्येक पाँच वर्ष पर स्थानान्तरण अनिवार्य होगा.

7.    गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों या उनके परिजनों की बीमारी के आधार पर पाँच वर्ष से पहले भी उनके स्थानान्तरण पर विचार किया जा सकेगा.

8.    गंभीर बीमारी या दिव्यांगता के मामलों में संबंधित शिक्षक/ शिक्षिकाओं का स्वयं बीमारी / दिव्यांगता से ग्रसित होने पर 05 इकाई स्वीकृत / मानक बल वाले विद्यालय में 01. 10 इकाई स्वीकृत/मानक बल वाले विद्यालय में 02 एवं 10 इकाई से अधिक स्वीकृत /मानक बल वाले विद्यालय में अधिकतम 03 शिक्षक के पदस्थापन पर विचार किया जायेगा.

9.    ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए शिक्षकों से विकल्प प्राप्त होने के बाद सबसे पहले बीमारी या दिव्यांगता के क्राम को ध्यान में रखते हुए वेतनमान युक्त नियमित शिक्षक, सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक, टी०आर०ई० द्वारा नियुक्त शिक्षक को विकल्प के आधार पर इसी क्रम में अवसर दिये जायेंगे. इसी क्रम में वरीयता का भी ध्यान रखा जाएगा. जिला स्तरीय वरीयता सूची शिक्षक श्रेणीवार होगा. 

10.     शिक्षकों से स्थानान्तरण / पदस्थापन का विकल्प प्राप्त किया जाएगा. शिक्षकों को 10 विकल्प देने का अवसर होगा. यथासंभव उन्हें निकटम अनुमण्डल या निकटतम जिला में पदस्थापित किया जायेगा.

11.     किसी भी तरह की स्थानान्तरण / पदस्थापन / प्रतिनियुक्ति की कार्रवाई सॉफ्टवेयर आधारित एपलीकेशन के माध्यम से ही की जाएगी. रिक्ति की गणना शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात, आधारभूत संरचना, उपलब्धता आदि के आधार पर किया जाएगा.

12.     प्रथम चरण में सभी प्रकार के शिक्षकों (स्थानीय निकाय के शिक्षक को छोडकर) के स्थानान्तरण एवं पदस्थापन मुख्यालय स्तर से की जायेगी.

13.     नियमित शिक्षक, बी.पी.एस.सी. टी.आर.ई. 1 एवं 2 के शिक्षक द्वारा स्थानान्तरण एवं पदस्थापन हेतु विकल्प नहीं देने की स्थिति में उनके स्थानामारण पर विचार नहीं किया जाएगा अर्थात वे अपने पदस्थापित विद्यालय में यथावत बने रहेंगे.

14.     प्रथम चरण के इस स्थानान्तरण / पदस्थापन की कार्रवाई में सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक एवं बी०पी०एस०सी० टी०आर०ई० शिक्षक के लिए राज्य स्तरीय वरीयता के आधार पर अवसर प्रदान किये जायेंगे।


तीन स्तर पर होगी ट्रांसफर-पोस्टिंग

नयी नियमावली के मुताबिक शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पहली दफे राज्य मुख्यालय से होना है. यानि इस दफे शिक्षा विभाग अपने स्तर से ट्रांसफऱ पोस्टिंग करने जा रहा है. लेकिन इसके बाद तीन स्तर पर ट्रांसफर-पोस्टिंग करने की व्यवस्था कर दी गयी है. 


जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी

शिक्षा विभाग की नियमावली के मुताबिक भविष्य में जिले के अन्दर स्थानान्तरण/पदस्थापन की कार्रवाई आर.टी.ई. मानक के अनुरूप छात्र-शिक्षक अनुपात एवं विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के मध्य संतुलन को ध्यान में रखते हुए जिला स्थापना समिति द्वारा की जाएगी, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. उप विकास आयुक्त इस कमेटी के सदस्य के साथ साथ सचिव भी होंगे. इसके साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), जिला पदाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के मनोनीत एक पदाधिकारी,  जिला पदाधिकारी द्वारा मनोनीत एक महिला वरीय उप समाहर्ता (नहीं होने की स्थिति में कोई अन्य महिला पदाधिकारी) और जिला पदाधिकारी द्वारा मनोनीत एक अल्पसख्यक पदाधिकारी सदस्य होंगे. 


प्रमंडल स्तर पर ट्रांसफर के लिए अलग कमेटी

शिक्षा विभाग ने एक प्रमंडल में आने वाले जिलों में ट्रांसफऱ पोस्टिंग के लिए भी कमेटी बनायी है. उपरान्त भविष्य में शिक्षकों का प्रमण्डल के भीतर अन्तर जिला स्थानान्तरण प्रमंडलीय कमेटी द्वारा किया जाएगा. इसमें प्रमंडलीय आयुक्त अध्यक्ष होंगे. वहीं, प्रमण्डल के सभी जिला पदाधिकारी, प्रमण्डल के सभी उप विकास आयुक्त, प्रमण्डल के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सदस्य होंगे. प्रमण्डलीय मुख्यालय के जिला शिक्षा पदाधिकारी इस कमेटी के सचिव होंगे. 


राज्य स्तर पर अलग कमेटी

प्रमंडल के बाहर के जिले में शिक्षको के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग में अलग कमेटी होगी. इसके अध्यक्ष शिक्षा विभाग के सचिव होंगे. वहीं, प्राथमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक इस कमेटी के सदस्य होंगे. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि  जिले के भीतर स्थानान्तरण संबंधी किसी भी विसंगति के मामलों का जिला स्थापना समिति निपटारा करेगी. 


राजनीति में नहीं पड़े शिक्षक

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी शिक्षक के  स्थानीय राजनीति में संलिप्त होने, वित्तीय अनियमितता का आरोप साबित होने, नैतिक अधमता (Moral turpitude) अथवा गंभीर आरोप प्रमाणित होने की स्थिति में विद्यालय और छात्र हित में शिक्षक का स्थानान्तरण प्रमण्डलीय आयुक्त/ निदेशक द्वारा जिले से बाहर किया जाएगा. इस प्रकार के गंभीर मामले में संबंधित शिक्षकों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.


शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं होगी

शिक्षा विभाग ने तय किया है कि ट्रांसफर पोस्टिंग की इस नीति के अलग प्रशासनिक कारणों से जिला पदाधिकारी,  प्रमण्डलीय आयुक्त और शिक्षा विभाग शिक्षको का स्थानान्तरण किया जा सकता है. सामान्यतया शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी.  अति आवश्यक होने पर जिला स्थापना समिति द्वारा तीन माह के लिए प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया जा सकेगा. इस आदेश के नवीकरण के संबंध में भी इस समिति द्वारा निर्णय लिया जा सकेगा.


ऑनलाइन होगी सारी प्रक्रिया

शिक्षा विभाग की नीति के मुताबिक  स्थानान्तरण और प्रतिनियुक्ति संबंधी आदेश विभागीय पोर्टल से सॉफ्टवेयर आधारित ऑटो-जनेरेटेड फॉरमेट के माध्यम से निर्गत किया जाएगा. किसी अन्य माध्यम से स्थानान्तरण / प्रतिनियुक्ति आदेश नहीं निकाला जाएगा और वैसे मामले अवैध माने जायेंगे. विद्यालयवार स्वीकृत पदों की संख्या विभाग द्वारा संसूचित की जाएगी.  इस नियमावली के तहत शिक्षकों से आवेदन केवल ऑनलाईन हीं प्राप्त किये जायेंगे. शिक्षा विभाग ने ये स्पष्ट किया है कि यह स्थानान्तरण नीति स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों यानि नियोजित शिक्षकों पर लागू नहीं होगा.