बिहार में शुरू हो गया NRC का काम, BDO की चिट्ठी ने खोला राज, PM और CM झूठी घोषणायें करते रह गये?

बिहार में शुरू हो गया NRC का काम, BDO की चिट्ठी ने खोला राज, PM और CM झूठी घोषणायें करते रह गये?

PATNA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने अभी देश में NRC लाने पर कोई फैसला ही नहीं लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि बिहार में NRC लागू ही नहीं होने दिया जायेगा. लेकिन इन घोषणाओं के बीच बिहार में NRC का काम शुरू हो गया है. पटना के मोकामा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के सरकारी पत्र ने ये राज खोला है. सरकारी चिट्ठी में NRC का काम नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.


मोकामा के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पत्र से मचा तूफान

दरअसल मोकामा प्रखंड के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि BDO ने NRC के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे थे. लेकिन मोकामा प्रखंड के रामपुरडुमरा, मराची और मोर हाई स्कूल के प्रिंसिपल ने शिक्षकों के नाम नहीं भेजे. बीडीओ ने 18 जनवरी को ही पत्र लिखकर नाम मांगा था जो 10 दिन बाद भी नहीं मिला.

BDO ने जतायी सियासी साजिश की आशंका

मोकामा के BDO ने अपने पत्र में कहा है कि NRC के लिए शिक्षकों का नाम नहीं भेजने वाले स्कूलों के प्राचार्य किसी खास राजनीतिक दल से प्रेरित होकर उसका विरोध करते दिख रहे हैं. पत्र में उन्हें ये चेतावनी दी गयी है कि वे 24 घंटे के भीतर शिक्षकों के नाम उपलब्ध कराये वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.


BDO के पत्र के बाद सियासी तूफान

इस पत्र के लीक होने के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है. RLSP के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. कुशवाहा ने अपने ट्वीट में कहा है

“ नीतीश जी आप तो भाजपा से भी आगे निकल गये. PM कहते हैं कि NRC पर चर्चा भी नहीं हुई और आप आदेश जारी करवा दिये. उपर से प्राचार्यों पर राजनीतिक दलों से मिलीभगत का आरोप. आप झूठे और पलटू हैं, फिर से साबित हुआ है. कुर्सी की खातिर कुछ भी करेंगे?”

टाइपिंग की गड़बड़ी से हुआ बखेड़ा

वैसे BDO के पूरे पत्र को पढ़े तों ये टाइपिंग की गड़बड़ी जान पड़ रही है. दरअसल बीडीओ साहब अपने पत्र में जनगणना की बात कर रहे हैं. जाहिर तौर पर वे NPR के लिए शिक्षकों के नाम मांग रहे थे. लेकिन पत्र में NPR के बदले NRC लिख दिया. पत्र में टाइपिंग की अशुद्धि ने विपक्षी पार्टियों को मौका दे दिया है.