KISHANGANJ: किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिन दस्तावेज के जरिए नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने वाले है वह कागजात शिक्षा विभाग के टॉयलेट में रखे बस्टबिन से मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। 700 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट गायब थे और जब उनकी खोजबीन शुरू की गई तो 630 शौचालय के डस्टबिन में मिले जबकि 70 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट अब भी गायब हैं।
दरअसल, आगामी एक अगस्त से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए काउंसिलिंग की शुरुआत होने जा रही है। जिसको देखते हुए किशनगंज की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नूपुर कुमार के नोटिस के बाद जब नियोजित शिक्षकों के कागजातों की खोजबीन शुरू हुई तो 700 नियोजित शिक्षकों के दस्तावेज गायब मिले। इसके बाद कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में तैनात कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया।
इसके बाद कागजातों की खोजबीन शुरू की गई तो कूड़े और शौचालय में रखे डस्टबिन से 630 नियोजित शिक्षकों के दस्तावेज मिले लेकिन 70 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट अब भी लापता हैं ऐसे में शिक्षकों में इसको लेकर गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। नियोजित शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि अगर समय से दस्तावेज नहीं मिले तो उनकी काउंसिलिंग कैसे होगी?