PATNA : बिहार में शहरीकरण को लेकर तैयारी जोरों पर हो रही है. सूबे में शहरी निकायों की संख्या बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है इसके लिए शहरीकरण के मानक बदल जाने की तैयारी है जिसका खाका भी तैयार हो गया है.
अभी राज्य की किसी क्षेत्र की कुल कार्यशील जनसंख्या की 75 प्रतिशत आबादी गैर कृषि आधारित होने पर भी उसे शहरी निकाय बनाया जा सकता है. अब गैर कृषि आधारित आबादी का मानक 50 प्रतिशत से अधिक किए जाने का प्रस्ताव है. जिसे लेकर तैयारी चल रही है. जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक में पास करने के लिए दिया जाएगा, कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में 150 तक ने शहरी निकायों का गठन हो सकता है.
बता दें कि शहरीकरण के मामले में बिहार देश में निचले पायदान पर है. देश के दूसरे राज्यों में शहरीकरण का औसत जहां 33 फ़ीसदी के करीब है तो वहीं बिहार में यह आंकड़ा महज 11फिसदी ही है. लंबे समय से ऐसी स्थिति बनी हुई है. ऐसा नहीं है कि इस दौरान राज्य के तमाम इलाकों में शहरी सुविधाएं विकसित नहीं हुई लेकिन शहरी निकाय गठित ना होने के कारण उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में न तो सुविधाएं विकसित करने को सरकार को टैक्स मिलता है और ना ही केंद्र द्वारा शहरी निकायों को दी जाने वाली आर्थिक मदद लेकिन. इसे लेकर सरकार अब तैयारी में जुट गई है. नगर विकास विभाग में इसका खाका तैयार कर लिया है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इसपर काम शुरू हो जाएगा.