PATNA: बिहार में करीब 50 हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं पर संकट के बादल छा गए हैं। वन विभाग की एक बड़ी शर्त सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बिहार में सड़क में वन भूमि के उपयोग के बदले गैर वन भूमि देने की सरकार की शर्त गले की हड्डी बनती जा रही है। इस शर्त के कारण राजमार्ग निर्माण की रफ्तार पर ब्रेक लग गई है।
दरअसल, बिहार में केंद्र सरकार के नए नियम के कारण सड़कों के निर्माण में परेशानी सामने आ रही है। पुराने नियम के मुताबिक सड़क निर्माण में जितने पेड़ों की कटाई होती थी उससे दोगुने पेड़ लगाने के लिए सरकार को वन विभाग को पैसे देने पड़ते थे लेकिन पिछले साल केंद्र सरकार के वन मंत्रालय ने इसमें एक नई शर्त जोड़ दी।
पेड़ लगाने के पैसा और नकद राशि के साथ साथ यह भी प्रावधान किया गया कि सड़कों के निर्माण में जितनी वन भूमि का इस्तेमाल होगा, उतनी जमीन सरकार को वन निभाग को उपलब्ध कराना होगा, ताकि उस भूमि में वन को विकसित किया जा सके। वन मंत्रालय की इस शर्त का बिहार सरकार ने पहले ही विरोध जताया था और इसे किसी भी सूरत में सही करार नहीं दिया था।
राज्य सरकार का स्पष्ट कहना था कि बिहार में इस नियम का अगर पालन किया गया तो सड़कों का निर्माण नहीं हो सकेगा। बिहार सरकार का कहना है कि जिन सड़क परियोजनाओं को परिवेश पोर्टल पर नए नियम के लागू होने से पहले अपलोड किया गया है, उस पर यह शर्त लागू नहीं हो हालांकि वन विभाग तमाम परियोजनाओं पर इस नियम को लागू करना चाह रहा है। ऐसे में बिहार में करीब 50 हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं पर ब्रेक लगने की संभावना जताई जा रही है।