Neet Paper Leak Case: NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अरेस्ट, पटना से STF ने दबोचा, 3 लाख का था इनाम Neet Paper Leak Case: NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अरेस्ट, पटना से STF ने दबोचा, 3 लाख का था इनाम Bihar News : IIP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष IP गुप्ता पहुचें जमुई, पिता को दी श्रद्धांजलि Bihar parbhari mantri list : बिहार सरकार ने जारी की प्रभारी मंत्रियों की नई सूची, सभी जिलों को सौंपे गए नए प्रभारी मंत्री Bihar News : प्रधानमंत्री की रैली के बीच बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने दिखाई संवेदनशीलता, जाम में फंसी एंबुलेंस को खुद निकाला बाहर Judicial system in Bihar: बिहार की अदालतों में न्याय की रफ्तार सुस्त,71% केस 3 साल से लंबित! 24% जजों के पद खाली: रिपोर्ट Bihar News :हाई कोर्ट ने बीपीएससी और सरकार से शिक्षक बहाली में ईडब्ल्यूएस आरक्षण घटाने पर जवाब तलब किया Train news: नमो भारत ट्रेन का रूट-शेड्यूल और किराया तय, एक क्लिक में जानिए सबकुछ Patna Pakistani nationals: पटना में 27 पाकिस्तानी नागरिकों को लौटना होगा, वीजा रद्द कर कार्रवाई शुरू Chanakya Niti: ये 6 दुख तोड़ देते हैं इंसान को अंदर से, क्या आप भी इनसे गुजर रहे हैं?
1st Bihar Published by: Updated Sun, 27 Feb 2022 07:10:24 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में एक दौर में पासवान, कहार, यादव और कुर्मी समेत कई पिछड़ी जातियों के लोगों ने खुद को पिछड़ा मानने से इंकार कर दिया था. उन्होंने अपनी जाति का सम्मेलन बुलाकर बकायदा प्रस्ताव पारित किया था कि वे पिछड़े नहीं बल्कि सवर्ण हैं. ज्यादातर पिछड़ी जाति के लोगों ने जनेऊ पहनना शुरू कर दिया था. लोगों ने खुद सवर्ण घोषित कराने के लिए मांस-मदिरा का सेवन छोड़ दिया था।
सुशील मोदी ने बतायी 91 साल पुरानी कहानी
बीजेपी के सांसद औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने 91 साल पहले हुए इस वाकये की पूरी कहानी सुनायी. पटना में आज एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुशील मोदी ने कहा कि 1931 में जब जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया गया तो पिछड़ी जातियों में खलबली मच गयी थी. उस दौर में खुद को सवर्ण कहलाना प्रतिष्ठा की बात मानी जाती थी. लिहाजा ज्यादातर पिछड़ी जातियों ने ये कहना शुरू कर दिया कि वे पिछड़े नहीं सवर्ण हैं।
गहलोत, कुर्मवंशीय और यदुवंशी क्षत्रिय
सुशील मोदी ने उस दौर का वाकया सुनाया. उन्होंने कहा कि पिछड़ी जाति के लोगों के लिए खुद को ब्राह्मण घोषित कर पाना मुश्किल था. लिहाजा उन्होंने खुद को क्षत्रिय घोषित करना शुरू कर दिया. फिलहाल अनुसूचित जाति में शामिल पासवान जाति के लोगों ने कहा कि वे क्षत्रिय वंश के हैं. पासवान जाति के लोगों ने खुद को गहलोत क्षत्रिय घोषित कर दिया. कुर्मी जाति के लोगों ने नालंदा में सम्मेलन किया औऱ कहा कि वे कुर्मवंशीय क्षत्रिय हैं. उसी तरीके से यादव जाति के लोगों ने कहा कि वे यदुवंशी क्षत्रिय हैं. वे तो कृष्ण के वंशज हैं औऱ कृष्ण से श्रेष्ठ औऱ कौन होगा।
सुशील मोदी ने कहा कि ये 1931 की कहानी है. अब तो सवर्ण लोग ही खुद को पिछड़ी जाति में शामिल कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. उस दौर में पिछड़ी जाति के लोगों ने खुद को सवर्ण साबित करने के लिए कई और तरह के जतन किये. कई लोगो ने जनेऊ पहनना शुरू कर दिया. कई जाति के लोगों ने मांस औऱ मदिरा का सेवन करना बंद कर दिया क्योंकि सवर्ण जाति के लोग मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते थे।