बिहार में ओवैसी की इंट्री से सांसत में पड़े लालू, रिम्स में आज सिर्फ मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की

बिहार में ओवैसी की इंट्री से सांसत में पड़े लालू, रिम्स में आज सिर्फ मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की

PATNA: बिहार में हुए उपचुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की इंट्री के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के माथे पर बल पड़ गये हैं. मुस्लिमों के जिस वोट बैंक पर लालू सिर्फ अपना अधिकार समझ रहे थे, उसके छिटकने का खतरा सामने आ गया है. चिंतित लालू आज रिम्स में सिर्फ मुस्लिम नेताओं से ही मिले. 

लालू की सिर्फ मुस्लिम नेताओं से मुलाकात

रिम्स में भर्ती लालू यादव से सिर्फ शनिवार के दिन ही लोग मिल सकते हैं. आज दीपावली के ठीक पहले का दिन था. लिहाजा उम्मीद थी कि परिवार का कोई सदस्य उनसे मुलाकात करेगा. लेकिन लालू ने आज सिर्फ अपनी पार्टी के मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की. राजद के तीन मुस्लिम विधायकों ने रिम्स में पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात कर विधानसभा के अगले चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. लालू से आज राजद के विधायक अब्दुल गफूर, नवाज आलम और दो दिन पहले हुए उप चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर से जीते जफर आलम ने मुलाकात की. 

मुस्लिम MLA बोले-विधानसभा चुनाव की रणनीति पर हुई चर्चा

लालू से मिलने वाले तीनों विधायकों ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ने अगले विधानसभा चुनाव को लेकर उनसे चर्चा की. सिमरी बख्तियारपुर से नये चुने गये विधायक जफर आलम ने कहा कि उन्होंने उप चुनाव की जानकारी अपनी पार्टी के अध्यक्ष को दिया. लालू यादव ने उन्हें अभी से ही विधानसभा के अगले चुनाव की तैयारियों में जुट जाने की सलाह दी है. कमोबेश ऐसी ही बातें अब्दुल गफूर और नवाज आलम ने भी कही. हालांकि तीनों विधायकों ने ये भी कहा कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत ठीक नहीं है और उनके इलाज में लापरवाही बरती जा रही है.





ओवैसी की इंट्री से लालू चिंतित

राजद के सूत्रों की मानें तो बिहार विधानसभा में ओवैसी की पार्टी की इंट्री ने लालू को चिंता में डाल दिया है. माई समीकरण बनाने वाले लालू मुस्लिम वोटरों को अपना सबसे ठोस वोट बैंक मानते रहे हैं. राजद के नेतृत्व का मानना रहा है कि बिहार में यादव वोटरों में सेंधमारी हो सकती है. लेकिन मुस्लिम तो हर हाल में उनके साथ ही रहेंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में इस पर मुहर भी लगी जब कई जगहों से यादवों में टूट की खबर आयी लेकिन मुसलमानों का वोट एकमुश्त राजद-कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के गठबंधन को मिला. लेकिन ओवैसी की इंट्री के बाद स्थितियां बदल सकती हैं. किशनगंज विधानसभा सीट पर जीतने वाली ओवैसी की पार्टी ने बिहार में मुसलमानों की अच्छी तादाद वाली हर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का प्लान तैयार किया है. ऐसे सीटों की संख्या 70 से ज्यादा है. अगर 30-40 सीटों पर भी ओवैसी की पार्टी असर दिखा दे तो तेजस्वी को सीएम बनाने का लालू यादव का सपना अधूरा रह जा सकता है. लिहाजा, वे अभी से ही डैमेज को कंट्रोल करने में जुट गये हैं.