PATNA : बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर हर दिन नया कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने 6 महीने में 6 करोड़ वैक्सीनेशन का जो लक्ष्य रखा था वह समय से काफी पहले पूरा किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के पीठ हर दिन थपथपाई जा रही है लेकिन वैक्सीनेशन के दौरान लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। स्वास्थ विभाग ने वैक्सीनेशन अभियान के दौरान एक मृत महिला को भी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दे दी।
दरअसल दानापुर के नासरीगंज की रहने वाली अंजना देवी की मौत कोरोना वायरस से 6 माह पहले हो गई थी लेकिन बीते 18 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने का मैसेज आया। मृत महिला के बेटे सोनू को यह देख कर बड़ी हैरानी हुई। पूरे परिवार के लिए यह चर्चा का विषय बन गया कि आखिर जब अंजना देवी की मौत हो चुकी है तो उन्हें कोरोना की वैक्सीन कैसे लग गई। वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी परिवार के पास है। सर्टिफिकेट में बताया गया है कि पटना सदर पीएचसी में मृत महिला को कोरोना की दूसरी डोज लगाई गई। यह सब कुछ देख कर मृतक महिला का परिवार हैरान है।
अंजना देवी के बेटे सोनू के मुताबिक उनकी मां ने मौत के 15 दिन पहले कोरोना की पहली डोज ली थी। पाटलिपुत्र के सीएनएस हॉस्पिटल में उनकी मौत हो चुकी है। अंजना देवी को पहली डोज 11 अप्रैल को लगी थी और 26 अप्रैल को उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमे की तरफ से उन्हें दूसरी डोज देने के बाद फाइनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। इस मामले को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ एसपी विनायक ने कहा कि यह पोर्टल का एरर हो सकता है, या एक ही मोबाइल पर तीन-चार रजिस्ट्रेशन होने की वजह से भी कई बार ऐसी दिक्कत सामने आ जाती है। गलती चाहे किसी की भी हो लेकिन यह मामला अपने आप में हैरत भरा है कि स्वास्थ्य विभाग कैसे किसी मृत महिला को कोरोना वैक्सीन लगा सकता है।