PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेजी से फ़ैल रही है. कोरोना के बढ़ते मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. गुरूवार को बिहार सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे में कुल 13 हजार 89 नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई है. इसी के साथ बिहार में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा एक लाख के पार चल गया है.
बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद भी कोरोना के नए मामलों में कोई कमी नहीं देखी जा रही है. गुरूवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सूबे में 13 हजार 89 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई. राजधानी पटना में एक बार फिर से सबसे ज्यादा 2186 न्यू पॉजिटिव केस मिले हैं. वहीं बेगूसराय में 666, गया में 1128, मुजफ्फरपुर में 478, नालंदा में 509, पूर्णिया में 483 पश्चिमी चंपारण में 590 नए संक्रमितों की पहचान हुई है.
बिहार में पिछले 24 घंटे में कुल 97 हजार 972 लोगों की जांच हुई. जिसमें 13 हजार 89 लोग पॉजिटिव पाए गए. बिहार में अब तक कुल 3 लाख 51 हजार 162 मरीज ठीक हुए हैं. जिसके कारण ठीक होने वाले मरीजों का औसत आंकड़ा गिरकर 77.27% हो गया है. गुरुवार को इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद एक्टिव मरीजों की संख्या एक लाख 821 हो गई है.
उधर एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के अगले चरण पर बिहार में ग्रहण लग गया है. बिहार में 18 साल से 44 साल के लोगों को एक मई से कोरोना का टीका नहीं लगेगा. बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी की ओर से इसकी जानकारी दी गई है. बताया जा रहा है कि वैक्सीन की उपलब्ध्ता नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है. हालांकि उनका रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा. सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि मई के दूसरे सप्ताह से 18 साल से ऊपर वालों को कोरोना का टीका लगेगा.
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने ऑनलाइन मीडिया से बातचीत में बताया कि 18 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों का निबंधन जारी रहेगा किंतु टीकाकरण स्थल का चयन नही हो सकेगा. एक मई से टीकाकरण शुरू नहीं हो सकेगा. उन्होंने बताया कि आइजीआईएमएस, पटना को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है और सभी बेड का उपयोग कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शुरू करने का निर्देश दिया गया है.