PATNA : बिहार के माननीयों के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार के विधायक और विधान पार्षद अब इसी वित्तीय वर्ष से अपने फंड से जुड़े कार्यों के लिए अनुशंसा कर पाएंगे। राज्य सरकार ने विधायक फंड को कोरोना की मार से अलग करने का फैसला किया है। सरकार इस पर सहमति बना चुकी है, अब केवल फैसले का इंतजार है। राज्य के योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र यादव के मुताबिक साल 2022-23 में बिहार के विधायक और विधान पार्षद पहले की तरह मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के माध्यम से तीन करोड़ तक की योजना के लिए अनुशंसा कर पाएंगे। यह योजना वापस पूर्व की तरह चलेगी।
आपको बताते चलें कि कोरोना महामारी आने के बाद सरकार ने विधायक फंड जिसे अब मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के नाम से जाना जाता है उसके लिए विधायकों और विधान पार्षदों की तरफ से की जाने वाली अनुशंसा को महामारी के बचाव और नियंत्रण के लिए खर्च करने तक सीमित कर दिया था। पिछले 2 वित्तीय वर्षों में इस योजना की बड़ी राशि कोरोना से बचाव और नियंत्रण के लिए खर्च की गई थी।
मंत्री विजेंद्र यादव के मुताबिक, महामारी से निपटने के लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा पैसों की जरूरत थी इसलिए विधायक फंड की राशि का उपयोग कोरोना पर नियंत्रण के लिए खर्च किया गया लेकिन अब इसकी बहुत आवश्यकता नजर नहीं आती। इसलिए विधायकों को वापस से अनुशंसा का अधिकार दिया जाएगा। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में विधायक फंड की पूरी राशि का उपयोग करना से बचाव के लिए नहीं किया गया। तीन करोड़ में से एक करोड़ की योजना विधायकों की अनुशंसा पर की गई है लेकिन अब अगले वित्तीय वर्ष से यह पूरी राशि विधायकों की अनुशंसा पर खर्च होगी।
आपको बता दें कि बिहार में हर साल विधायकों और विधान पार्षदों की अनुशंसा पर 954 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं को पूरा किया जाता है। राज्य सरकार के इस फैसले से माननीय ने भी राहत की सांस ली होगी क्योंकि विधायक फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाने से वह अपने क्षेत्र में ज्यादा क्रियाशीलता नहीं दिखा पा रहे थे।