PATNA : बिहार में डॉक्टरों की कमी का मामला आज एक बार फिर से सदन के अंदर उठा. विधान परिषद में प्रश्न उत्तर काल के दौरान बीजेपी के सदस्य संजय मयूख ने यह सवाल उठाया. संजय मयूख ने जानना चाहा कि सरकार आखिर डॉक्टरों की कमी कब दूर कर लेगी. जवाब में मंत्री मंगल पांडे ने यह बताया कि डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और जैसे ही यह पूरी हो जाएगी, बिहार में लगभग 6 हजार के आसपास में डॉक्टर मिल जायेंगे.
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के मसले पर सदन में जब चर्चा हो रही थी तो प्रेमचंद्र मिश्रा ने बिहार में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का मामला उठाते हुए कई सवाल खड़े किये. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार में ऑक्सीजन से कई लोगों की मौत हो गई और बिहार सरकार कुछ भी नहीं कर पाई. प्रेमचंद मिश्रा के इस आरोप पर मंत्री मंगल पांडे ने विधान परिषद में बताया कि राज्य के अंदर ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है. मंगल पांडे ने कहा कि महामारी के दौर में हमने जो भी संभव था, उसमें बेहतरीन सेवा देने का प्रयास किया.
कई और सदस्यों ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी. मधेपुरा स्थित जन नायक करपुरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस की सुविधा नहीं होने का मामला भी सदन में उठा. जेडीयू के एमएलसी ललन सर्राफ ने इस मामले को उठाया. हालांकि सरकार की तारीफ इस बात को लेकर हुई कि हर विधानसभा क्षेत्र में नए स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उप केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है.