समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!
MOTIHARI: बिहार में बीते 20 अगस्त से जमीनों के सर्वे का काम शुरू हो गया है। जमीन का सर्वे शुरू होने के साथ ही इसको लेकर लोगों में तरह-तरह का संशय है। लोगों के मन में ऐसे तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं हालांकि सरकार ने लोगों के मन में उठ रहे तमाम संशय को दूर कर दिया है और कहा है कि जमीन का सर्वे लोगों को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि राहत देने के लिए सर्वे कराया जा रहा है।
दरअसल, बिहार में जमीनों का सर्वे शुरू होने के साथ ही लोगों के मन में यह डर है कि कहीं उनकी पुस्तैनी जमीन कही सर्वे के बाद उनसे छीन तो नही जाएगी। जमीन सर्वे को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि सर्वे में किसी की जमीन उससे छीनने नहीं जा रही है। इसको लेकर लोग पूरी तरह से निश्चिंत रहे। जमीन का सर्वे लोगों को राहत देने के लिए कराया जा रहा है ना कि उनसे जमीन छीनने के लिए हो रहा है।
मोतिहारी पहुंचे मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि गांव के लोगों में या जो लोग बिहार से बाहर दूसरे राज्यों दिल्ली, पंजाब या अन्य कही रह रहे हैं, उनके मन में यह आशंका हो गया है कि ऐसा तो नहीं कि सर्वे में जो हमारी जमीन है, जो वंशावली के तहत मिली है या किसी कारण से आपस में बंटवारा नहीं कर पाए हैं तो फिर उसका सर्वे में होगा क्या? लेकिन आप पूरी तरह से निश्चिंत रहें।
मंत्री ने कहा कि जो जिस जमीन पर रह रहे हैं, जिनका कब्जा जिस जमीन पर है और उसका ऑनलाइन रसीद कट रहा है तो उनको किसी तरह के कोई कागजात दिखाने की जरुरत नहीं। जब ऑनलाइन रसीद कट रहा है और जमीन पर आपका कब्जा है, तो राजस्व विभाग के कर्मचारी और सर्वे अमीन को सरकार ने निर्देश दे दिया है कि उनको किसी तरह का कोई कागजात मांगने की जरुरत नहीं है। उनकी जमीन का सीमांकन कर सर्वे में जो रिकॉर्ड में है उनका नाम डाल दिया जाए।
उन्होंने बताया कि 72 फीसद मामलों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है और कोई दिक्कत नहीं है। जो जमीन कब्जा में है उसका रसीद कट रहा है। ऐसे जमीन मालिकों को किसी तरह की कोई परेशानी सर्वे के दौरान नहीं होगी। बहुत लोग बोलते हैं कि उनकी पुस्तैनी जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है और आपसी सहमति से जमीन का उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें भी कोई परेशानी नहीं होगी।
दिलीप जायसवाल ने कहा कि आपसी सहमति से पूरा परिवार वंशावली बनाकर दे देंगे कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो तो उनका नाम भी सर्वे में पहले की तरह ही दे दिया जाएगा। लेकिन जिन जमीनों पर किसी तरह का विवाद है उसे पहले चरण में पेंडिंग रखने को कहा गया है और बाद में उसका निदान निकाला जा सके। मंत्री ने कहा है कि किसी को कोई चिंता करने की बात नहीं है, आम लोगों को राहत देने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है।