बिहार में जमीन-मकान की रजिस्ट्री के नियमों में हुआ बडा बदलाव: सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला

बिहार में जमीन-मकान की रजिस्ट्री के नियमों में हुआ बडा बदलाव: सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला

PATNA: बिहार सरकार ने राज्य में जमीन-मकान की रजिस्ट्री के लिए नियमों में फेरबदल कर दिया है. सरकार कह रही है कि इस फेरबदल से रजिस्ट्री करने या कराने वाले को बडा फायदा होगा. कैबिनेट की बैठक में आज इसकी मंजूरी दे दी गयी.


कातिब और स्टांप पेपर की जरूरत नहीं

राज्य सरकार ने बिहार रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 2008 के नियम- 6 में रजिस्ट्री का दस्तावेज तैयार किये जाने को लेकर संशोधन किया है. अब रजिस्ट्री करने या कराने वाले पक्षकारों को ये स्वतंत्रता होगी कि वे अपने दस्तावेजों को स्टाम्प पेपर पर या सादे ए-4 आकार के रोयाल एक्जिक्युटिव बॉण्ड पेपर पर तैयार करायें. यानि कोई बाध्यता नहीं होगी कि वे स्टांप पेपर ही रजिस्ट्री के कागजात तैयार करायें. रजिस्ट्री के साथ अटैच होने वाले दूसरे कागजात जैसे नक्शा और प्लान भी ए-4 आकार के बॉण्ड पेपर पर ही होंगे.


खुद भी तैयार कर सकेंगे दस्तावेज

सरकार ने नियमों में फेरबदल करते हुए रजिस्ट्री करने या कराने वाले पार्टियों को ये अधिकार दे दिया है कि वे खुद भी अपना दस्तावेज लिख और तैयार कर सकते हैं. पुराने नियमों में फेरबदल किया गया है. पहले रजिस्ट्री पेपर तैयार करने के लिए कातिब यानि लाइसेंस प्राप्त दस्तावेज लेखकों का सहारा लेना पड़ता था. सरकार ने नया नियम बनाया है कि रजिस्ट्री पेपर कातिब के साथ साथ अधिवक्ता, वकील और मुख्तार भी तैयार कर सकते हैं. पक्षकार खुद भी अपना दस्तावेज लिखने के लिए स्वतंत्र होगें.


बिहार रजिस्ट्रीकरण (संशोधित) नियमावली 2023 को आज कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी. इसके बाद रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार किये जाने के प्रावधान इस तरह से हो गया है. 


रजिस्ट्री करने या कराने वाले पक्षकार अपने दस्तावेजों को स्टाम्प पेपर पर अथवा सादे ए-4 आकार के रोयाल एक्जिक्युटिव बॉण्ड पेपर पर विभाग द्वारा अनुमोदित मॉडल प्रारूप की टंकित प्रति में तैयार करेगें.  सभी अनुलग्नक, नक्शा एवं प्लान भी ए-4 आकार के बॉण्ड कागज पर ही होंगें. रजिस्ट्री दस्तावेज अब लाइसेंस प्राप्त दस्तावेज लेखकों(कातिब) के अलावा अधिवक्ता, वकील और मुख्तार भी लिखे सकेंगे. सरकार के मुताबिक रजिस्ट्री दस्तावेज विभाग द्वारा अनुमोदित मॉडल प्रारूप की टंकित प्रति में तैयार होगा.


राज्य सरकार ने कहा है कि विभाग द्वारा अनुमोदित मॉडल डीड प्रारूप की टंकित प्रति पर दस्तावेजों का निबंधन स्वीकृत किये जाने से पक्षकारों को दस्तावेजों के निबंधन के लिए किसी बाहरी सहयोग की जरूरत नहीं होगी और दस्तावेज में किस तरह का हेर-फेर किया जाना संभव नहीं हो सकेगा.