PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। आयोग ने चरणबद्ध तरीके से चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाया है। शनिवार को भी आयोग ने सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। आयोग के सूत्रों की माने तो इसी अगस्त महीने में बिहार के अंदर पंचायत चुनाव की घोषणा हो जाएगी। पंचायत चुनाव कोरोना की दूसरी लहर के कारण समय पर नहीं हो पाया था और अब आयोग चाहता है कि तीसरी लहर की आशंका के बीच हालात बिगड़ने से पहले बिहार में इसे पूरा करा लिया जाए।
शनिवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान अलग-अलग राज्यों से लाए गए ईवीएम में बारकोड लगाने और उसे स्कैन कर स्टॉक एंट्री करने का निर्देश सभी डीएम को दिया गया है। आयोग ने कहा है कि सभी जिलों में यह काम 3 दिन के अंदर पूरा कर लिया जाए। ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग पूरी हो चुकी है। इसके बाद इसे अगर स्टॉक एंट्री के जरिए लॉक किया जाता है तो यह चुनाव की घोषणा के पहले महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। इस प्रक्रिया के बाद अगर चुनाव की घोषणा होती है तो नामांकन के बाद उम्मीदवारों का नाम तय होते ही ईवीएम में उनका डाटा फीड किया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो आयोग को यह जानकारी मिली थी कि कई जिलों में एक ही नंबर के ईवीएम की एंट्री की गई है। आयोग चाहता है कि अगले दो दिनों में इसे दुरुस्त कर लिया जाए। इतना ही नहीं आयोग ने सभी जिलों के डीएम को मतदाता सूची और मतदान केंद्रों में भी संशोधन करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है कि नगर विकास एवं आवास विभाग ने कई नगर पालिकाओं का गठन किया है, इसके बाद पंचायत निर्वाचन नियमावली की धाराओं के तहत मतदाता सूची में संशोधन जरूरी हो जाता है। आयोग ने मतगणना केंद्र को लेकर भी सभी जिलों के डीएम को आवश्यक निर्देश दिया है। आयोग का मानना है कि जिला स्तर पर ही मतगणना केंद्र बनाया जाएं। प्रखंड स्तर पर मतगणना केंद्र बनाने में खर्च भी ज्यादा आता है और स्थानीय स्तर पर उसमें दखलंदाजी की संभावना भी बढ़ जाती है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा और अन्य अधिकारियों ने जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की है।