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1st Bihar Published by: Updated Fri, 25 Dec 2020 06:34:50 PM IST
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PATNA : बिहार के अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. डॉक्टरों के हड़ताल के कारण वार्ड में मरीज तड़प रहे हैं. इलाज के आभाव में अब तक कई लोगों की जान चली गई है. डॉक्टरों के हड़ताल को लेकर बिहार सरकार अब सख्त हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा 'नो वर्क-नो पे' का भी आर्डर जारी किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के सचिव कौशल कुमार की ओर से आदेश जारी कर बताया गया है कि अगर ओपीडी और इमरजेंसी सेवा में किसी भी प्रकार की कोई बाधा आएगी तो उसके लिए दोषी डॉक्टरों के खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई यानी कि दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को यह आदेश जारी किया है. हड़ताल के दौरान 'नो वर्क-नो पे' लागू रहेगा. इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेजों को प्रतिदिन खैरियत प्रतिवेदन भेजने का भी आदेश जारी किया गया है.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से ओपीडी के बाद अब इमरजेंसी से भी मरीजों का पलायन होने लगा है. आसानी से नहीं मिलने वाले बेड 50 प्रतिशत से अधिक खाली पड़े हैं. टाटा वार्ड की इमरजेंसी सामान्य दिनों में फुल रहती थी, लेकिन 24 घंटे में मात्र 122 मरीज आए. रात में ऑर्थो इमरजेंसी में मात्र 4 मामले आए, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या लगभग 25 रहती है.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था प्रभावित हुई है, जिसे देखते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हड़ताल खत्म करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी. दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय ने कहा कि "डॉक्टरों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि जो गरीब मरीज हैं, वो कष्ट में न रहें. डॉक्टरों से बार-बार अपील की जा रही है कि उनकी कठिनाइयों को सरकार देखेगी. अस्पताल के अंदर व्यवस्था को ठीक करने में प्रशासन लगा हुआ है." उन्होंने कहा कि "मैं जूनियर डॉक्टरों से अपील करता हूं कि राज्य की जनता का हित सर्वोपरि है और राज्य के जनता की सेवा के लिए ही वो अस्पतालों में हैं. जनहित का ध्यान रखें और डॉक्टर काम पर आएं. उनकी समस्याओं को देखा और समझा जायेगा."
आपको बता दें कि हड़ताली डॉक्टरों और सरकार के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है. पटना मेडिकल कॉलेज में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी है. सिविल सर्जन का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज मांग करता है तो डॉक्टरों की व्यवस्था की जाएगी. उधर पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़ के बीच सुबह से ही डॉक्टरों की नारेबाजी चल रही है.