PATNA : बिहार में बाढ़ से हालात ख़राब होते जा रहे हैं. हलांकि कई जगहों पर गंगा के जलस्तर में कमी आई है लेकिन अभी भी कई ऐसे जिले हैं जहां बाढ़ तबाही मचा रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भागलपुर और खगड़िया में बाढ़ का जायजा लेने के लिए एरियल सर्वे करने निकल चुके हैं. मुख्यमंत्री आज हवाई सर्वेक्षण करने के बाद बाढ़ राहत कैंप का भी जायजा लेंगे.
आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ की भयावहता लगातार जारी है. पटना से लेकर कहलगांव तक गंगा उफनाई हुई है. गंगा हाथीदह के बाद भागलपुर में भी जलस्तर के पुराने रिकॉर्ड को पार कर चुकी है. भागलपुर में गंगा का इस्माइलपुर-बिंदटोली बाया तटबंध 10 मीटर की चौड़ाई में टूट गया है, जिसे जल संसाधन विभाग के इंजीनियर बंद करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वैसे पटना में गंगा का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. इलाहाबाद से बक्सर तक यह नदी तेजी से उतर रही है. पुनपुन नदी के जलस्तर में भी कमी हो रही है. सोन नदी अभी भी लाल निशान के ऊपर बह रही है.
नेपाली नदियों ने उत्तरी बिहार में बाढ़ की विभीषिका बढ़ा दी है. सोमवार को गंगा बक्सर में लाल निशान से नीचे आ गई. वहां गंगा 64 सेंटीमीटर नीचे उतर कर खतरे के निशान से 7 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. दीघा में 15 सेंटीमीटर घटने के बाद भी लाल निशान से गंगा 124 सेंटीमीटर से उपर बह रही है. गांधी घाट में रविवार को पुराने एचएफएल यानी हाई फ्लड लेवल को छूने के करीब थी, लेकिन जलस्तर गिरने लगा. सोमवार को गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, जबकि सोमवार को गांधी घाट पर गंगा 11 सेंटीमीटर नीचे उतर कर लाल निशान से 174 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. यहां जलस्तर 50.34 मीटर है, जबकि एसएफएल 50.5 2 मीटर.