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GAYA : बिहार में एक थानेदार के ऊपर काफी गंभीर आरोप लगे हैं. मामला गया जिले के डेल्हा थाना से जुड़ा है. जहां इंस्पेक्टर के ऊपर काफी गंभीर आरोप लगने की बात सामने आई है. एक दैनिक अखबर के मुताबिक काफी गंभीर मामले में थानेदार की संलिप्तता की बात सामने आई है. इन आरोपों को लेकर जिले के सीनियर अफसर जांच में जुटे हुए हैं.
दरअसल घटना बीते 31 मई की है. जहां 31 मई को गया के डेल्हा थाना इलाके में लोको कॉलोनी के क्वॉर्टर संख्या-420 बी से कुछ लोगों को पकड़ा गया था. इस मामले में थानध्यक्ष ने बताया कि पुलिस के पूर्व एसओपी दीपक कुमार को भी पकड़ा गया था. जिसके ऊपर देह व्यपार का संचालन करने का आरोप लगा है. वहां मौके पर एक लड़की के पकड़े जाने के बाद मामला उजागर हुआ था. इसके बाद पुलिस छापेमारी कर कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे. पुलिस ने देह व्यापार संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
एक दैनिक अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक थानेदार की भी संलिप्ता की बात कही जा रही है. हालांकि फर्स्ट बिहार ने जब इस मामले की पड़ताल शुरू की, तो थानेदार की संलिप्तता या गिरफ़्तारी की बात से पुलिस अधिकारी इंकार कर रहे हैं. थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने खुद फर्स्ट बिहार को फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि अखबार की ओर से गलत रिपोर्ट पेश की गई है. थानाध्यक्ष ने बताया कि जख्मी हालत में व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. जिसे इलाज के बाद जेल भेजने की कार्रवाई की गई थी. थानाध्यक्ष ने बताया कि स्थानीय लोगों ने एक व्यक्ति के साथ मारपीट की थी. वह थाना पर आया था. उसे इलाज के लिए भेजा गया. जब तक वह आया तब तक एक वीडियो उनके मोबाइल पर आया. एक महिला की बात कही गई. महिला का भी बयान लिया गया. जख्मी को पकड़ लिया गया.
इस मामले में गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने अखबार की रिपोर्ट का सीधे तौर पर खंडन करते हुए बताया कि यह एक अफसर के मान मर्यादा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है. ऐसी रिपोर्ट से अधिकारी की गरिमा को ठेस पहुंची है. इस मामले में अधिक जानकारी सीनियर अफसर ही देंगे. जब फर्स्ट बिहार की टीम ने गया एसएसपी राजीव मिश्रा से बात करने की कोशिश की तो उनके संपर्क नहीं हो पाया. गलत रिपोर्ट को लेकर फर्स्ट बिहार झारखंड की ओर से भी खेद व्यक्त किया जाता है. एक दैनिक अख़बार की ओर से इस खबर को प्रकाशित कर इंस्पेक्टर के ऊपर कार्रवाई की बात कही गई थी. अखबर की रिपोर्ट में मगध प्रमंडल के पुलिस महानिरीक्षक राकेश राठी के बयान को भी प्रकाशित किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि गया एसएसपी की अनुशंसा प्राप्त हो गई है. अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि फर्स्ट बिहार को आईजी ने बताया कि आरोप की जांच की जा रही है.