PATNA : बिहार में डिटेंशन सेंटर नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। राज्य के अंदर अब तक कोई भी डिस्टेंशन सेंटर नहीं बनाया गया है। आपको बता दें कि दूसरे देश के ऐसे नागरिक के जो अवैध तरीके से देश में पाए जाए उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखने की व्यवस्था होती है लेकिन बिहार में ऐसा कोई सेंटर नहीं है। अब पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर बिहार में डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं है? इस मामले में आज एक बार फिर पटना हाईकोर्ट सुनवाई करने वाला है।
दरअसल पटना हाईकोर्ट में बांग्लादेश से अवैध रूप से बिहार में आयी 3 महिलाओं से जुड़ा एक मामला पहुंचा था। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से भी जवाब तलब किया है। साथ ही केंद्र सरकार को इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा कोर्ट में पेश करने को कहा है। मरियम खातून की तरफ से दायर की गई याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को यह बताया गया कि बांग्लादेशी महिलाओं को डिटेंशन सेंटर की बजाय नारी निकेतन में रखा गया है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जेल में डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि अलग से डिटेंशन सेंटर बनाया जाता है। साथ ही इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने बांग्लादेश से दूतावास को भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
पिछली सुनवाई में पटना हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से यह बताने को कहा था कि महिलाओं को डिटेंशन सेंटर में क्यों नहीं रखा गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से अभी जानना चाहा है कि उन्हें नारी निकेतन में क्यों रखा जा रहा है। सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि जेल में रखने के लिए अलग से व्यवस्था है। इसके बाद कोर्ट ने पूछा की डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बनाया जा सकता? अब इस मामले में आगे सुनवाई होगी।