बिहार में कोरोना के कम्युनिटी इंफेक्शन का खतरा बढ़ा, केंद्र ने भी जताई चिंता

बिहार में कोरोना के कम्युनिटी इंफेक्शन का खतरा बढ़ा, केंद्र ने भी जताई चिंता

PATNA : बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। देश के विभिन्न राज्यों से बिहार के विभिन्न जिलों में लौट रहे बिहारियों में संक्रमण के बढ़ते मामलों से यह आंकड़ा सामने आ रहा है। इस बीच कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव से बात कर बिहार में कोरोना के हालात की जानकारी ली है।


स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो बिहार में अबतक 2168 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए गये हैं। जबकि गुरुवार तक बिहार में 2041 कोरोना एक्टिव मरीज हैं। प्रवासियों को जांच के बाद ही आम लोगों के बीच जाना चाहिए यदि वे कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें आइसोलेशन केन्द्रों पर भेजा जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो कोरोना संक्रमण को फैलने में देर नहीं लगेगी। इसका उदाहरण पटना जिले का धनरुआ है। यहां के क्वरेंटीन सेंटर में प्रवासियों को रखा गया था, पहले उनमे एक संक्रमित मिला बाद में वहां 10 और प्रवासी संक्रमित हो गये। इस तरह राज्य में कई मामले सामने आए हैं।


आंकड़ों की बात करें तो दो जिलों में दो सौ और 8 जिलों में एक सौ से अधिक कोरोना मरीज की पहचान हुई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पटना जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 217 और रोहतास जिले में 201 हो चुकी है। वहीं मधुबनी में 176, बेगूसराय में 159, मुंगेर में  148 समेत कई जिलों में सौ से ज्यादा मरीज मिले हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमितों की जांच, उनके क्वारेंटाइन , आइसोलेशन, और इलाज से जुड़े संसाधनों को धीमी गति से जुटाया जा रहा है।


इस बीच केन्द्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौवा ने गुरुवार को बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार से बात की और राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी ली। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या, बीमारी से ठीक हो रहे लोगों को प्रतिशत क्या है, इन सभी मुद्दों पर बातचीत हुई। वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए बातचीत में मुख्य सचिव ने बिहार में लॉकडाउन के अनुपालन को लेकर उठाए गये कदमों की जानकारी दी।