1st Bihar Published by: Updated Wed, 11 Jan 2023 07:09:15 AM IST
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PATNA : बिहार में अब कॉलेज शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। सभी कॉलेज शिक्षकों को 36 घंटे का ट्रेनिंग लेना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह ट्रेनिंग लेनी जरूरी होगी। इस बाबत राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी कुलपतियों से कहा है कि वे नेप-2020 के तहत चलाए जा रहे इस प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में सभी शिक्षकों को भाग लेने के लिए निर्देशित करें। नैक के नोडल पदाधिकारी एनके अग्रवाल को इसके समन्वय की जिम्मेवारी दी गयी है। अपने लेटर में अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर 15 अगस्त 2022 से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब बिहार में इस योजना पर काम हो रहा है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को इस बाबत लेटर भेजा था। मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को भेजे लेटर में इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में विस्तार से बताया था। शिक्षा मंत्रालय के सचिव के. संजय मूर्ति के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानक के अनुरूप काफी शोध, अध्ययन और अनुसंधान के बाद इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को तैयार किया गया है। इग्नू ने इस कोर्स को विकसित किया है। इसमें 36 घंटे में अध्ययन-अध्यापन का शेड्यूल तैयार है।
यह कोर्स बेहद मॉर्डन पैटर्न पर डेवलप किया गया है। इसमें कॉलेज शिक्षकों को उनके अध्यापन के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। यही नहीं, दुनिया में जो कुछ नया चल रहा है, उसकी भी जानकारी दी जाएगी। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मूल मकसद यही है कि कॉलेज शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें और उन्हें मौजूदा परिवेश के लिए तैयार कर सकें।