ब्रेकिंग न्यूज़

SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें Bihar News: JCB से टक्कर के बाद बाइक में लगी आग, झुलसने से युवक की दर्दनाक मौत Bihar News: सड़क हादसे में BPSC टीचर और उसके नवजात बच्चे की मौत, पांच शिक्षकों की हालत नाजुक

बिहार में कोचिंग वालों का दम फूल रहा : छूट नहीं मिलने से बैठ गया है धंधा, हर साल होता है करोड़ों का कारोबार

1st Bihar Published by: Updated Tue, 06 Jul 2021 08:25:47 AM IST

बिहार में कोचिंग वालों का दम फूल रहा : छूट नहीं मिलने से बैठ गया है धंधा, हर साल होता है करोड़ों का कारोबार

- फ़ोटो

PATNA : कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद नीतीश सरकार ने अनलॉक विचार की गाइडलाइन जारी कर दी है. सरकार में दसवीं के ऊपर के शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की इजाजत दी है लेकिन कोचिंग संस्थानों को अभी भी राज्य में खोलने की इजाजत नहीं मिली है. ऐसे में कोचिंग के धंधे से जुड़े लोगों का दम फूलने लगा है. बीते साल और इस साल कोरोना की वजह से कोचिंग का धंधा चौपट हो चुका है. ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कोचिंग संस्थान वह मुनाफा नहीं कमा पा रहे जो अब तक उन्हें मिलता रहा है.


बिहार में डॉक्टर और इंजीनियर बनाने के लिए कोचिंग का धंधा सबसे ज्यादा मुनाफा वाला है. इस कारोबार में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को मालूम है कि पैसा एक से दो साल में वापस आ जाएगा लेकिन अब महामारी के दौर में इस धंधे पर बुरा असर पड़ा है. सरकार ने कोचिंग संस्थान इसलिए नहीं खोले क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि यहां कोरोना गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन नहीं किया जाएगा. कोचिंग संस्थान में 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कराई जा सकती और इससे भीड़ बढ़ेगी. 


इधर कोचिंग संस्थानों के संचालकों की मांग है कि जिस तरह दूसरे राज्य जैसे तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में कोचिंग संस्थान खोलने की अनुमति दी गई उसी तरह बिहार में भी कोचिंग संस्थान खोलने की अनुमति दी जाए. पिछले दो साल में कोचिंग संस्थान के संचालकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कोचिंग सेंटरों का किराया, स्टाफ का वेतन, बिजली बिल और अन्य खर्चों के भुगतान करने की बड़ी समस्याएं सामने खड़ी है. पिछले डेढ़ साल से कोचिंग संस्थाओं को एक पैसे की भी आमदनी नहीं हुई है.