बिहार में कैबिनेट विस्तार पर सियासत तेज, बोली कांग्रेस.. बड़ा दिल नहीं दिखा पा रही राजद

बिहार में कैबिनेट विस्तार पर सियासत तेज, बोली कांग्रेस.. बड़ा दिल नहीं दिखा पा रही राजद

PATNA: बिहार में कैबिनेट विस्तार की मांग कांग्रेस लगातार कर रही है। अब इसे लेकर सियासत तेज हो गयी है। कांग्रेस का अब कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल को अपना दिल बड़ा करना होगा। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद ने कहा कि हम शुरू से RJD के अलायंस पार्टनर हैं। उनको डेट तय करनी है जिसके बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट विस्तार कर देंगे। 


शकील अहमद ने कहा कि तेजस्वी यादव से इस संबंध में बातचीत हो चुकी है। इस संबंध में हम बार-बार क्या बात करें? राजद हमारी सहयोगी पार्टी हैं और सहयोगी से सद्भावना की उम्मीद करते हैं। सहयोगी दल से जो इकरार हुआ उसको इकरार मानते हैं। राजद ने हमारे शीर्ष नेतृत्व के सामने जो इकरार किया है उस इकरार को मनाना चाहिए। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने सारी बातें हो चुकी है बावजूद सहयोगी दल RJD बड़ा दिल नहीं दिखा पा रही हैं तो क्या कहें?


फर्स्ट बिहार से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल हमारा पुराना सहयोगी दल रहा है। उनके साथ हमारा एलायंस  रहा है। जब महागठबंधन की सरकार बनी तो वामपंथ और कांग्रेस पार्टी उनके साथ आ गई। हमकों यह उम्मीद इसलिए थी कि यह हमारा हक है। हक की उम्मीद तो बिलकुल रहती है। यह बात हमारे कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने हुई जिसमें नीतीश जी भी शामिल थे। यह सब बात होने के बावजूद भी यदि साथी अपना बड़ा दिल नहीं दिखा रहे है तो इस पर क्या कहूं?


शकील अहमद ने कहा कि अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है। जबकि मेरा मानना है कि कैबिनेट का विस्तार होना चाहिए। इस पर अमल होनी चाहिए। राजद के साथ हमारा एलायंस है हमारा डिमांड तो उनसे ही है। इसे उन्होंने स्वीकार भी किया था। इस डिमांड को आप यदि नहीं मान रहे हैं तो क्या कहे? कांग्रेस पार्टी इधर उधर कूदकर नहीं जाती। भाजपा से लड़ना कांग्रेस की मुहिम है। हम जिनके एलांयस पार्टनर हैं उनसे कैबिनेट विस्तार पर बात हो चुकी है। सहयोगी दल से इस संबंध में एकरार हो चुका है उस एकरार को मानना चाहिए।   


वही 3 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और जेडीयू आमने सामने हो गयी है। शकील अहमद ने अशोक चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि जो रिजल्ट आया है उस पर अशोक चौधरी जो बात कह रहे हैं उसका कोई मतलब नहीं बनता है। बोलने पर आए तो हम लोग भी कुछ भी बोल सकते हैं लेकिन बोलने का एक असूल होता है। हम इस बात को नहीं मानते हैं कि कांग्रेस को तमाम क्षेत्रीय दल के साथ लड़ना चाहिए। अनर्गल बयान देने का क्या मतलब है। उनका अपना क्या राजनीतिक रिफ्लेक्शन रहा है। 


अशोक चौधरी हम लोगों के साथ हीं थे। अशोक चौधरी राय देने वाले कौन होते हैं? राय देने की जगह होती है। शकील अहमद ने अशोक चौधरी से कहा कि इतना जल्दी आप राय दे रहे हैं आपको राय देने के लिए कौन बोला है? आपकी राय कौन मान रहा है? क्या आपकी राय नीतीश जी मान रहे हैं क्या? कार्यकर्ता अपने-अपने तौर पर बोलते रहते हैं। हर जगह बोलते हैं उनके बोलने का क्या मतलब? 


शीर्ष  नेतृत्व ही फाइनल अथॉरिटी है। INDIA गठबंधन में जितने भी पार्टी शामिल हैं उसके शीर्ष नेतृत्व ने गठबंधन को बनाने का फैसला लिया था। गठबंधन के अंदर ही तमाम बातों का जिक्र होगा। इसकी समीक्षा होगी। इसके इतर अलग-थलग कोई भी आदमी कोई बात करता है तो वह उसकी व्यक्तिगत राय होगी। राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनता दल या जनता दल यूनाइटेड के साथ गठबंधन होता तो बढ़िया रहता। 


इसका फैसला भी गठबंधन के अंदर ही होना था। वही डीएमके सांसद के बयान पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस गोमूत्र वाले बयान का समर्थन नहीं करती। डीएमके का अपना स्टाइल है जो नहीं बोलने वाली बात होती है वह भी वे लोग बोलते हैं। इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करते।