PATNA : त्योहारों के इस मौसम में बिहार के अंदर बिजली का संकट पैदा हो गया है. बिजली इकाइयों को कोयले की सप्लाई प्रभावित हुई है. लिहाजा उत्पादन में कमी आ गई है. बिजली घरों में कोयला संकट गहराने के कारण यह हालात पैदा हुए हैं जिसका नतीजा है कि बिहार को 20 से 25 फीसदी कम बिजली की सप्लाई मिल पा रही है. फिलहाल हालात ऐसे हैं कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को छोड़कर अन्य इलाकों में बिजली का संकट पैदा हो गया है. छोटे शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में आगे आने वाले दिनों में और ज्यादा गहरा सकता है.
बिजली संकट से निपटने के लिए बिजली कंपनी बाजार से महंगे दर पर बिजली खरीद कर सप्लाई करने में जुटी हुई है. बाजार से 16 से 20 रुपये प्रति यूनिट बिजली ली जा रही थी. देर शाम तक बिहार में 5000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी. जबकि कुल डिमांड 6000 मेगावाट से अधिक है. हालांकि राहत की बात यह रही कि रात के वक्त इसकी डिमांड घट गई.
शारदीय नवरात्र का आज दूसरा दिन है. ऐसे में आगे आने वाले कुछ दिनों में बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी. पूजा पंडालों में डेकोरेशन से लेकर अन्य मांगों के कारण बिजली की डिमांड जब बढ़ेगी तो परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है.
फिलहाल पटना और दूसरे बड़े शहरों को छोड़कर बाकी अन्य शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती करनी पड़ी है. बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक रोटेशन के आधार पर बिजली की कटौती की जा रही है. कांटी थर्मल पावर प्लांट फिलहाल ठप है और एनटीपीसी कहलगांव में भी उत्पादन पहले से कम हो गया है. उधर सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद के मुताबिक लगातार हुई बारिश की वजह से कोयला के खनन में गिरावट आई थी. लेकिन अब हालात पहले से बेहतर हुए हैं.
खनन का काम प्रभावित होने के कारण बिजली घरों को कोयले की सप्लाई पूरी तरह से नहीं हो पा रही थी. बिहार को बिजली देने वाले सभी बिजली घरों में कोयले का स्टॉक फिलहाल अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है. बाढ़ क्षेत्र बिजली घर की एक यूनिट को इसी कारण से मेंटेनेंस में डाल दिया गया है.