बिहार में बिजली संकट गहराया, छोटे शहरों और गांवों में 10 घंटे तक बिजली की कटौती

बिहार में बिजली संकट गहराया, छोटे शहरों और गांवों में 10 घंटे तक बिजली की कटौती

PATNA : देश में बिजली का उत्पादन जिस तरह प्रभावित हुआ उसका असर अब बिहार पर भी दिखने लगा है। बिहार को केंद्रीय कोटे से मिलने वाली बिजली में भारी कटौती हुई है। इसकी वजह से राज्य के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में 8 से 10 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। सबसे ज्यादा असर उत्तर बिहार के जिलों पर पड़ा है। दक्षिण बिहार में बिजली कटौती का असर थोड़ा कम है। बिहार को मौजूदा वक्त में 6500 मेगावाट बिजली की जरूरत है जबकि 5700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा सकी है। बिहार को 3200 मेगावाट केंद्रीय कोटे से मिली जबकि 1500 मेगावाट राज्य सरकार ने खुले बाजार से खरीद कर आपूर्ति की है। मंगलवार की शाम से बिजली की खपत में और ज्यादा इजाफा हुआ है। दुर्गा पूजा के कारण डिमांड बढ़कर 6000 मेगावाट से ऊपर चली गई। बिहार सरकार खुले बाजार से 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से 1000 मेगावाट से अधिक बिजली खरीद चुकी है। इसके बावजूद आपूर्ति को पूरा नहीं किया जा सका। 


सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में किसी भी स्थिति में बिजली आपूर्ति को बहाल रखा जाएगा। इसके लिए हम बाजार से महंगी दरों पर बिजली खरीद रहे हैं। लेकिन इस दावे के बावजूद बिहार में मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है हालांकि राहत की बात यह है कि उद्योगों पर फिलहाल बिजली संकट का असर नहीं पड़ा है। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक राज्य सरकार खुले बाजार से अधिक कीमत पर बिजली की खरीदारी कर उद्योगों को दे रही है। बड़ी राहत इस वजह से भी है क्योंकि दुर्गा पूजा की वजह से ज्यादातर इंडस्ट्री बंद हैं और इसीलिए फिलहाल इस संकट का असर वहां नहीं दिख रहा है। 


मुजफ्फरपुर ग्रिड से उत्तर बिहार के कई जिलों में बिजली की आपूर्ति होती है। इस कारण कई फीडर रोटेशन पर रखे गए। सभी फीडरों को रोटेशन पर दो-दो घंटे बिजली मिली। अन्य जिले में सहरसा को 50 की जगह 35 मेगावाट बिजली मिली। मधेपुरा को 100 के बदले 80 मेगावाट, अररिया को 120 के बदले 100 मेगावाट बिजली मिली। कटिहार को 90 के बदले 75 मेगावाट, किशनगंज को 60 के बदले 20 मेगावाट, पूर्णिया को 150 के बदले 110 मेगावाट ही बिजली मिली। उधर लखीसराय को 25 मेगावाट के बदले 20 मेगावाट, खगड़िया को 40 मेगावाट के बदले 15 मेगावाट, मुंगेर को 90 मेगावाट के बदले 70 मेगावाट बिजली मिली। वहीं बांका को 100 मेगावाट के बदले 75 मेगावाट बिजली मिली। औरंगाबाद, बक्सर, सारण, गोपालगंज, गया, जहानाबाद समेत अन्य जिले के ग्रामीण इलाकों में घंटों लोडशेडिंग हुई।