बिहार में ‘बेचारी’ BJP: भाजपा के सहारे सत्ता में बैठे नीतीश लगातार करा रहे जलील, सम्राट अशोक के बहाने BJP पर JDU का ताबड़तोड़ हमला

बिहार में ‘बेचारी’ BJP: भाजपा के सहारे सत्ता में बैठे नीतीश लगातार करा रहे जलील, सम्राट अशोक के बहाने BJP पर JDU का ताबड़तोड़ हमला

PATNA: सम्राट अशोक पर लिखी गयी एक किताब पर हो रही सियासत ने बिहार में बीजेपी की बेचारगी को एक फिर उजागर कर दिया है. इस किताब के बहाने जेडीयू नेताओं की पूरी फौज बीजेपी पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। आज पटना में बीजेपी ने अशोक पर किताब लिखने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी तो जेडीयू ने सीधे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर ही निशाना साध दिया। जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल पर सार्वजनिक तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आई वॉश की कोशिश कर रहे हैं। जेडीयू नेताओं के ताबड़तोड़ हमले के बावजूद बीजेपी नेताओं की जुबान नहीं खुल रही है। बीजेपी के एक नेता ने कहा- ऐसी बेचारगी तो पुराने दौर में भी देखने को नहीं मिली थी। 


पूरा मामला समझिये

दरअसल एक लेखक हैं दया प्रकाश सिन्हा. खुद को बीजेपी के कल्चरल सेल का संयोजक बताते हैं. उन्होंने एक किताब लिख कर सम्राट अशोक की तुलना औऱंगजेब से की है. दया प्रकाश सिन्हा ने कहा है कि अशोक एक बदसूरत इंसान थे. सत्ता पाने के लिए उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की ही तरह अपने परिजनों की हत्या की. वहीं, अपनी पत्नी की जलाकर हत्या कर दी थी.दया प्रकाश सिन्हा बीजेपी के कोई जाने पहचाने नेता नहीं हैं. हालांकि वे रिटार्यड आईएएस अधिकारी होने के साथ साथ देश के सबसे प्रमुख नाटककारों में से एक माने जाते रहे हैं. उन्हें साहित्य अकादमी के साथ साथ पद्म श्री अवार्ड भी मिल चुका है.


जेडीयू को बीजेपी पर हमले का मौका

दया प्रकाश सिन्हा की सम्राट अशोक पर टिप्पणी के बाद बिहार में सियासी घमासान छिड़ा है. इस मसले को किसी विपक्षी पार्टी ने नहीं उठाया है. इस मामले को सीधे जेडीयू ने उठाया है और निशाने पर बीजेपी है. दया प्रकाश सिन्हा की किताब के बहाने जेडीयू ने बीजेपी पर ताबड़तोड़ हमला बोला है. मामले को सबसे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया है. उसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया. उपेंद्र कुशवाहा सम्राट अशोक पर किताब औऱ टिप्पणी के लिए सीधे बीजेपी को जिम्मेवार करार देने में पीछे नहीं रह रहे हैं.


बीजेपी की सफाई के बावजूद जेडीयू का हमला

बुधवार को ही इस मसले पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सफाई दी थी. उन्होंने सम्राट अशोक पर की गयी टिप्पणी को गलत करार देते हुए दया प्रकाश सिन्हा से पल्ला झाड लिया था. उसके बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी दया प्रकाश सिन्हा ने बीजेपी का कोई संबंध नहीं होने का हवाला देते हुए अशोक पर उनकी टिप्पणी की निंदा की थी. लेकिन जेडीयू के सुर नहीं बदले, वह लगातार बीजेपी पर हमलावर है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दर्ज करायी एफआईआऱ

पटना के कोतवाली थाना में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. पुलिस को दिए गए आवेदन में उन्होंने कहा है कि लेखक द्वारा बीजेपी में होने की अफवाह फैलाई जा रही है. जबकि बीजेपी ने उनका कोई वास्ता नहीं है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखे गए लेख से समाज में नफरत फैल रही है.संजय जायसवाल ने पुलिस से कहा है कि वह दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ आईपीसी की सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करे. 


FIR दर्ज होने के बाद फिर जेडीयू का हमला

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने थाने में एफआईआर दर्ज करा कर दया प्रकाश सिन्हा का बीजेपी से कोई संबंध नहीं होने की बात कही तो उस पर जेडीयू ने हमला बोल दिया. जेडीयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर BJP प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साध दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर संजय जायसवाल को कहा “आई वाश मत कीजिए, संजय जी. जले पर नमक मत छिड़किए. सीधे- सीधे एवार्ड वापसी की मांग का समर्थन कीजिए. वरना ऐसे दिखावटी मुकदमा का अर्थ लोग खूब समझते हैं.” 


जेडीयू नेताओं के बयान साफ कर रहे हैं कि मकसद साफ है-बीजेपी को सियासी नुकसान पहुंचाना. जेडीयू ने सम्राट अशोक को बिहार की एक जाति से जोड़ दिया है. कहा जा रहा है कि अशोक एक खास जाति के थे. जेडीयू का मकसद साफ है बिहार में प्रभावशाली माने जाने वाली इस जाति को बीजेपी से अलग किया जाये. 


बीजेपी की बेबसी

लेकिन इस पूरे प्रकरण में एक और बात जो साफ दिख रही है वह ये है कि बीजेपी कितना बेबस हो चुकी है. सम्राट अशोक प्रकरण पर जेडीयू की रणनीति साफ दिख रही है. वैसे ये मामला पहला नहीं है. इससे पहले जातिगत जनगणना से लेकर बिहार को विशेष राज्य के दर्जा जैसे मामलों पर  जेडीयू के नेताओं ने विपक्षी पार्टियों की तरह बीजेपी पर हमला बोला है. ऐसे तमाम मामलों पर बीजेपी नेताओं की जुबान बंद रही. वे जेडीयू नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं बोल पाये. 


पार्टी के ये हालत तब है जब बिहार में जेडीयू की सारी जमा पूंजी बीजेपी के सहारे ही है. नीतीश कुमार सूबे में तीसरी नंबर की पार्टी होने के बाद भी अगर मुख्यमंत्री बने हुए हैं तो उसके पीछे बीजेपी है. लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही जेडीयू ने बीजेपी को जलील करने का कोई मौका नहीं छोडा है. बीजेपी की इस हालत से उसके विधायक से लेकर नेता-कार्यकर्ता हैरान हैं. पार्टी के एक वरीय नेता ने कहा कि ऐसी बेबसी तो उस दौर में भी नहीं थी जब नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के बडे भाई हुआ करते थे. पूरे बिहार में जिस तरह से बीजेपी की फजीहत हो रही है उसका खामियाजा आने वाले दिनों में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है.