PATNA: बिहार में मानसून की दस्तक साथ ही बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है. सूबे की सभी बड़ी नदियां अपने उफान पर आ गयी हैं. इसका मुख्या कारण नेपाल और सीमांचल में लगातार बारिश होना है. कोसी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि कई अन्य नदियों भी अलर्ट लेवल पार कर चुकी हैं. इन नदियों में कमला, गंडक और बागमती शामिल हैं. अगर नेपाल में बारिश 24 घंटे के भीतर नहीं थमी तो, जल्द ही बागमती और गंडक का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर जाएगा.
गंडक नदी गोपालगंज के बाद मुजफ्फरपुर में जबकि कमला मधुबनी में बहुत ही खतरनाक ढंग से बह रही है. जल संसाधन विभाग ने नदियों के जलस्तर को बढ़ता देख अपनी ओर से अलर्ट जारी कर दिया है. विभाग ने इंजीनियरों को अलर्ट रहने की और तटीय इलाकों की चौकसी बढ़ा देने का निर्देश दिया है.
बता दें कि नेपाल के ऐसे इलाके जो तराई क्षेत्र में आते है, उन इलाके के साथ-साथ उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भी बीते 72 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. जिस वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. सोमवार को कोसी नदी सुपौल में खतरे के निशान को पार कर गई. इसका जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 71 सेंटीमीटर ऊपर चला गया. कोसी का जलस्तर सहरसा के बलुआबाजार ब्रिज और डुमरी में भी लाल निशान के पास पहुंचने वाला है.
इसी तरह कई और नदियां हैं जो लाल निशान की ओर बढ़ रही है, जिनमें कमला बलान जयनगर और झंझारपुर है. गंडक नदी भी मुजफ्फरपुर के रेवाघाट में लाल निशान की ओर बढ़ रही है. गंगा नदी का जलस्तर भी बारिश के कारण बढ़ता जा रहा है. गंगा का जलस्तर पटना, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में बढ़ना शुरू हो गया है. वहीं, घाघरा नदी सीवान और सारण में, बागमती-अधवारा सीतामढ़ी और शिवहर में, खिरोई दरभंगा में लगातार उफान भर्ती जा रही है. खगड़िया में भी कोसी नदी तेजी से ऊपर जा रही है. अगर पिछले साल के मानसून की बात करें तो, मानसून शुरू होते ही गंडक नदी ने गोपालगंज में भारी तबाही मचाई थी. जिसके बाद कोसी नदी ने बिहार के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बना दिए थे.