बिहार में बहाल हो रहे शिक्षकों को वेतन कहां से मिलेगा? RCP सिंह ने पूछा सवाल, कहा-नीतीश-लालू ने मिलकर सरकार का खजाना खाली कर दिया

बिहार में बहाल हो रहे शिक्षकों को वेतन कहां से मिलेगा? RCP सिंह ने पूछा सवाल, कहा-नीतीश-लालू ने मिलकर सरकार का खजाना खाली कर दिया

PATNA: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर सवाल उठाये हैं. आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार से पूछा है कि जिन शिक्षकों की बहाली हो रही है, उन्हें वेतन कैसे दिया जायेगा. 33 साल से राज कर रहे लालू और नीतीश ने सरकारी खजाने को कंगाली की हालत में पहुंचा दिया है, इसका खामियाजा न सिर्फ शिक्षकों को बल्कि दूसरे सरकारी कर्मचारियों को भुगतना होगा.


सरकारी खजाने का ये है हाल

आरसीपी सिंह ने बिहार के सरकारी खजाने की स्थिति बतायी. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार अपने बूते एक साल में सिर्फ 45 हजार करोड़ रूपये का राजस्व जुटा पाती है. जबकि पहले से ही वेतन और पेंशन के मद में 90 हजार करोड़ रूपये का खर्च है. अब नयी बहाली से ये खर्च और बढ़ेगा. अब तक तो केंद्र सरकार की मदद और बैंकों समेत दूसरे वित्तीय संस्थानो से लोन के सहारे काम चल रहा था. लेकिन अब वेतन के लिए और पैसे चाहिये. नीतीश कुमार को बताना चाहिये कि वे पैसे कहां से आयेंगे. 


बिहारियों को ठगा

आरसीपी सिंह ने कहा कि नौकरी देने के नाम पर नीतीश कुमार बाजीगरी कर रहे हैं. उन्हें बताना चाहिये कि एक लाख 22 हजार नवनियुक्त शिक्षकों में नय़ी बहाली कितनी है. कितने ऐसे लोग हैं जो पहले से नियोजित शिक्षक थे और उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा पास की. बिहार के बाहर के कितने लोग शिक्षक पद पर नियुक्त हुए हैं. अगर सरकार सही आंकड़ा जारी कर दे तो पता लग जायेगा कि नौकरी के नाम पर किस तरह से बिहार के युवाओं को ठगा गया है. 


शराबबंदी ने बिहार को बर्बाद किया

आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की शराबबंदी की सनक ने बिहार की आर्थिक स्थिति को और खस्ताहाल कर दिया. बिहार को शराब पर टैक्स के रूप में हर साल 25 हजार करोड़ की आमदनी होती. वो आमदनी चली गयी. लेकिन शराब पर रोक नहीं लग पायी. बिहार का कौन सा ऐसा हिस्सा है जहां शराब नहीं मिल रही है. होम डिलेवरी हो रही है. सरकार शराबबंदी के नाम पर अरबों रूपये खर्च कर रही है. इसका सारा खामियाजा बिहार के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.