PATNA : बिहार में कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में ब्लैक फंगस बहुत तेजी से पैर पसार रहा है. इसकी चपेट में आये मरीजों की जान भी जाने लगी है. बिहार में दो औऱ मरीजों की मौत ब्लैक फंगस के कारण हो गयी है. इससे पहले भी दो लोगों की मौत हुई थी. यानि अब तक सूबे में चार की मौत इस आफत की चपेट में आने से हो गयी है. उधर केंद्र सरकार ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है.
दो औऱ मरीजों की मौत
बिहार में ब्लैक फंगस की चपेट में आकर दो औऱ मरीजों की मौत हो गयी है. इस खतरनाक बीमारी के कारण वैशाली जिले के लालगंज की एक महिला औऱ भागलपुर के नाथनगर के एक युवक की मौत हो गयी है. वैशाली के घटारो पंचायत की वार्ड नंबर 8 की रहने वाली महिला ब्लैक फंगस की शिकार बनने के बाद इलाज के लिए हाजीपुर के एक निजी क्लिनिक में लायी गयी थी जहां उसकी मौत हो गयी. वहीं भागलपुर के नाथनगर में ब्लैक फंगस से पीडित युवक को मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, वहां उसकी मौत हुई. इससे पहले दो औऱ मरीजों की मौत हो चुकी है. कैमुर की रहने वाली एक महिला ब्लैक फंगस की शिकार बन कर इलाज के लिए इलाज के लिए वाराणसी गयी थी लेकिन वहां उसकी मौत हो गयी थी. वहीं मुजफ्फरपुर के एक वृद्ध की मौत आईजीआईएमएस आते समय एंबुलेंस में ही हो गयी थी. यानि बिहार में अब तक ब्लैक फंगस से चार लोगों की मौत हो गयी है.
31 औऱ नये मरीज पहुंचे
गुरूवार को पटना के दो बडे अस्पतालों में इलाज के लिए 31 मरीज पहुंचे. पटना के एम्स में गुरूवार को ब्लैक फंगस के शिकार बने 26 मरीज इलाज कराने पहुंचे. जांच के बाद इनमें से 7 मरीजों की हालत गंभीर पायी गयी. उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया. वहीं बाकी 19 मरीजों को दवा देकर घऱ भेजा गया. उधर पटना के ही आईजीआईएमएस में गुरूवार को ब्लैक फंगस के पांच मरीज पहुंचे. इनमें से गंभीर हालत वाले एक मरीज को भर्ती कर लिया गया, वहीं बाकी के चार मरीजों को दवा देकर वापस भेजा गया. कुल मिलाकर बिहार में अब तक ब्लैक फंगस के शिकार बनने वाले 135 मरीजों की पहचान की जा चुकी है.
केंद्र सरकार ने महामारी घोषित किया
ब्लैक फंगस से मौत के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखा है. इसमें महामारी रोग अधिनियम के तहत इसे महामारी घोषित किया गया है. राज्यों को कहा गया है कि वे ब्लैक फंगस के सारे मामलों की जानकारी केंद्र सरकार को दें. केंद्र सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना के मामलों में मौत बढ रही है इसलिए राज्य सरकारों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने कहा है कि ब्लैक फंगस बीमारी कोरोना के उन मरीजों में देखने को मिल रही है जिनका स्टेरॉयड से इलाज किया जा रहा है औऱ उनके ब्लड सुगर का स्तर अनियंत्रित हो गया.
ब्लैक फंगस को ऐसे पहचाने
कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में अगर असमान्य तरीके से नाक से पपडी, खून या काले रंग का पदार्थ निकलना शुरू हो तो सतर्क हो जायें. सिर औऱ आंखों में तेज दर्द होना, आंखों के पास सूजन होना, आंखों का लाल हो जाना, आंखें खोलने या बंद करने में कठिनाई होना, चेहरा सुन्न हो जाना या मुंह खोलने में परेशानी होना ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं.
ऐसे लक्षण के बाद क्या करें
एम्स की ओऱ से दी गयी सलाह के मुताबिक ब्लैक फंगस के लक्षण दिखें तो तत्काल ईएनटी स्पेशलिस्ट से मिलें. स्टेरॉय़ड, एंटीबायोटिक या एंटी फंगल दवा लेने से बचे. समय रहते डॉक्टर के पास पहुंचे.