बिहार में बाढ़ से हुई कितनी तबाही? आज जायजा लेने पहुंचेगी केंद्रीय टीम, प्रभावित जिलों का करेगी दौरा

बिहार में बाढ़ से हुई कितनी तबाही? आज जायजा लेने पहुंचेगी केंद्रीय टीम, प्रभावित जिलों का करेगी दौरा

PATNA : बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ से काफी तबाही मची हुई है. सूबे में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज केंद्रीय टीम बिहार आएगी. 6 सदस्यीय इस टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह करेंगे. इसके अलावा विभिन्नि मंत्रालयों के पांच अन्य अधिकारियों को टीम का सदस्य बनाया गया है.


बिहार में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने पटना आ रही केंद्रीय टीम बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर तबाही का जायजा लेगी. यह केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान की बाबत राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. यह बैठक आज सुबह 11:30 बजे शुरू होगी. इसमें पटना स्थित केंद्र सरकार के मंत्रालयों के दो अधिकारी केंद्रीय जल आयोग के निदेशक निगरानी संजीव सुमन और सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता प्रदीप कुमार लाल भी शामिल हैं. टीम दो दिनों तक बिहार में रहकर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी.


गौरतलब हो कि कई जिलों में बाढ़ से घर बर्बाद हो गए तो कहीं हजारों एकड़ में लगी फसल ही डूब गई. इसको देखते हुए बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम दो दिवसीय दौरे पर आज बिहार पहुंचेगी. केंद्रीय टीम से पहले बिहार सरकार ने अपने स्तर से बिहार को बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करवाया है. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक आंकलन में लगभग चार हजार करोड़ का नुकसान बिहार को बाढ़ से हुआ है जिसकी रिपोर्ट बिहार केंद्र को भेजेगी.



आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ की वजह से कई जिले प्रभावित हुए हैं. लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सर्वेक्षण कर रहे थे. कई जगहों पर लोगों ने तो रोते हुए मुख्यमंत्री को अपनी समस्या सुनाई थी. लगातार विपक्ष भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था. अब केंद्रीय टीम के दौरे और रिपोर्ट के बाद यह साफ होगा कि आखिर बिहार में बाढ़ की तबाही से कितने का नुकसान हुआ है.


गौरतलब हो कि नेपाल में एक बार फिर शुरू भारी बारिश के कारण वहां से बिहार आ रहीं नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने उत्तर बिहार के सभी जिलों को हाई अलर्ट कर दिया है. जल संसाधन विभाग ने खासकर मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिलों में तटबंधों की निगरानी का आदेश दिया है.


उत्‍तर बिहार के साथ-साथ सीमांचल और पूर्वी बिहार में भी नदियां उफाना रहीं हैं. भागलपुर और मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. पूरे बिहार की बात करें तो गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, महानंदा नदी सहित 10 प्रमुख नदियां अभी भी कई जगह खतरे के निशान के ऊपर हैं और बाढ़ के पानी में डूबकर अभी तक 53 लोगों की मौत की सूचना मिल चुकी है.