GAYA : आज के समय में लोगों के जीवन में विज्ञान का महत्व दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। लोग अपने दैनिक जीवन में विज्ञान को काफी महत्व दे रहे हैं हालांकि अब भी अंधविश्वासी लोगों की कोई कमी नहीं है। गया से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो बताने के लिए काफी है कि विज्ञान के इस युग में भी लोग कैसे अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसे हुए हैं। यहां पिछले कुछ दिनों से एक मृत लड़के को जिंदा करने की कोशिश हो रही है। दावा किया जा रहा है कि तीसरे दिन किशोर जाग उठेगा।
पूरा मामला नक्सल प्रभावित आमस प्रखंड के बभनडीह इलाके का है। दरअसल, रविवार को बभनडीह गांव निवासी कौलेश्वर यादव के 12 वर्षीय बेटे रंजन कुमार की ताड़ के पेड़ से गिरकर मौत हो गई थी। बच्चे की मौत के बाद उसके शव को गांव के श्मशान घाट में दफना दिया गया। शव को दफनाने के बाद परिजन जब घर लौट रहे थे, तभी कुछ महिलाएं बच्चे के कब्र के पास पहुंच गई और झूमने लगी।
इसके साथ ही अंधविश्वास का खेल शुरु हो गया। महिलाओं का दावा था कि तीन दिनों के भीतर बच्चा जीवित हो जाएगा। बच्चे के जिंदा होने की लालसा में परिजन भी कब्र के आसपास बैठ गए और वहां भजन कीर्तन का दौर शुरू हो गया। बच्चे के परिवार के अलावा किसी दूसरे को कब्र के पास जाने की इजाजत नहीं है।
इस अंधविश्वास के खेल में मृतक बच्चे के परिजन भी महिलाओं का साथ दे रहे हैं। महिलाओं का दावा है कि अगले तीन दिनों तक लगातार भजन कीर्तन चलेगा। इसके बाद लड़का जिंदा हो जाएगा। पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है, सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।