बिहार के आंगनबाड़ी में अंडा घोटाला, मंत्री जी बोले- अधिकारी सेटिंग करते हैं, देखें वीडियो

बिहार के आंगनबाड़ी में अंडा घोटाला, मंत्री जी बोले- अधिकारी सेटिंग करते हैं, देखें वीडियो

PATNA : बिहार में कई तरह के घोटालों के बारे में आपने सुना होगा. लेकिन जो ताजा मामला सामने आया है. उसने सबको हैरान कर दिया है. बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा का घोटाला हो रहा है. यह आरोप नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा खुलासा है और इस बात का खुलासा खुद समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने अपने विभाग को लेकर किया है. 




आधा-आधा अंडा दिया जाता है
पटना में सक्षम के सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक कर रहे मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधा ही अंडा मिलता है. मेनू से नाश्ता भी गायब रहता है. पोषाहार के नाम पर मेनू से नाश्ता गायब है और कागजों पर दूध बच्चों को दिया जाता है. दरअसल बैठक में शामिल सीडीपीओ से मंत्री ने पूछा कि अंडा मिलता है. सभी ने कहा कि एक-एक अंडा दिया जाता है. इसपर मंत्री ने कहा कि हम तो अपने औचक निरीक्षण में यही जान पाये कि एक ही अंडे के दो टुकड़े करके दो बच्चों को दिये जाते हैं. मंत्री ने खुद कहा कि वह राज्य में 20 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में गए. जहां उन्होंने देखा कि कहीं नाश्ता मेनू में नहीं दिखा. 


CDPO ऑफिस में कम, फील्ड में ज्यादा रहें - मंत्री
मीटिंग के दौरान मंत्री ने कहा कि सभी सीडीपीओ को कहा कि ऑफिस में कम, फील्ड में अधिक समय दें. इससे पता चलेगा कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों का महीनों दिन तक ताला भी नहीं खुलता है. मंत्री ने कहा कि बच्चों का पोषाहार आवंटन बंद नहीं हो, इसलिए सभी के पास तीन माह अधिक का आवंटन पहले ही दिया जा चूका है. जहां आवंटन आने में देरी होगी, वहां के अधिकारियों का वेतन भी बंद होगा. पिछले महीने 268 पर कार्रवाई इस मामले में हो चुकी है.


निरीक्षण से पहले अधिकारी सेटिंग करते हैं
समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि औरंगाबाद में जब वह निरीक्षण करने गए तो वहां अधिकारियों की सेटिंग दिखी. मंत्री ने कहा कि वह औरंगाबाद में 5 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करना चाहते थे. लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने पहले उन्हें दो केंद्रों पर ले गये, जहां बच्चे भी पूरे थे और सब कुछ व्यवस्थित भी था. मंत्री ने कहा कि जब वह तीसरे केंद्र पर जाने को बोले, तो वहां भी अधिकारियों ने पहले से सेटिंग कर रखी थी. इन तीनों केंद्रों पर 30 से अधिक बच्चे थे और सभी ड्रेस में थे. लेकिन सच्चाई तब मालूम पड़ी जब मंत्री जी खुद चौथे केंद्र में पहुंच गए. जहां उन्होंने देखा कि न तो बच्चे पूरे हैं और ना ही बोर्ड है. यहां तक कि 10-12 बच्चों में कुछ बच्चे दूसरे स्कूल के थे. 


जनवरी अंत तक सीडीपीओ दें लिखित ब्यौरा
सीडीपीओ के साथ बैठक में मंत्री रामसेवक सिंह ने सभी सीडीपीओ से आंगनबाड़ी भवन में पानी और शौचालय की व्यवस्था का लिखित ब्यौरा जनवरी महीने के अंत तक मंगा है. मंत्री ने कहा कि उपयोगिता प्रमाणपत्र डीएम के माध्यम से मुख्यालय को इस महीने के अंत तक भेजे. विक्रम, पटना सदर तीन और चार, खुशररूपुर, नौबतपुर, फुलवारी की सीडीपीओ ने अपनी-अपनी मजबूरी बनाते हुए बहाना बनाया. जिससे मंत्री संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने कहा कि काम कीजिए, गरीबों की हाय मत लीजिए.