ऐसा भी कैदी: भागने का मौका छोड़कर पुलिसवालों की जान बचाने में लग गया, जानिये पूरा मामला

ऐसा भी कैदी: भागने का मौका छोड़कर पुलिसवालों की जान बचाने में लग गया, जानिये पूरा मामला

GOPALGANJ : किसी कैदी को पुलिसवालों की पकड़ से आराम से भागने का मौका मिल जाये तो वह क्या कर सकता है. वह भी तब जब पकड कर ले जा रहे पुलिसवाले घायल हों. आप कहेंगे कि कैदी भाग जायेगा. लेकिन गोपालगंज के एक कैदी ने मिसाल कायम कर दी. उसने भागने का मौका छोड़ कर पुलिसवालों की जान बचानी शुरू कर दी. कैदी बार बार ये कहता रहा कि पुलिस ने उसे गलत तरीके से फंसाया है फिर भी वह भागा नहीं. 


गोपलागंज में एन. एच. 27 पर ये वाकया हुआ. एन.एच.27 पर बढ़ेया के पास एक ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसी ऑटो में पुलिसवाले एक कैदी को ले जा रहे थे. ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो कैदी को हल्की चोट आयी लेकिन पुलिसवाले घायल हो गये. कैदी ने भागने के बजाय आस पास के लोगों से मदद की गुहार लगायी फिर लोगों की मदद से पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया.


कैदी बोला- मुझे गलत फंसाया लेकिन भागूंगा नहीं
दुर्घटना के बाद जब कैदी लोगों से मदद मांग रहा था तो वह ये भी बार बार कह रहा था कि पुलिस ने उसे गलत तरीके से झूठे मामले में फंसाया है लेकिन वह भागेगा नहीं. वह कोर्ट से खुद को निर्दोष साबित करेगा. कैदी उमेश यादव बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के बनौरा गांव का रहने वाला है. पुलिस ने गांव में छापेमारी कर उसे शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद दो सिपाहियों अमरनाथ चौबे औऱ हरेंद्र राय के साथ उसे ऑटो से कोर्ट भेजा जा रहा था जहां से उसे जेल भेजा जाता. बैकुंठपुर से गोपालगंज के रास्ते में बढ़ेया ओवरब्रिज के पास ऑटो पलट गया.


ऑटो पलटने से सबसे ज्यादा चोट पुलिस वालों और चालक को आयी. कैदी उमेश यादव को हल्की चोट आयी. लेकिन पुलिसकर्मी ऑटो के नीचे दब गये थे. कैदी ने आस पास के लोगों से मदद की गुहार लगायी जिसके बाद उन्हें बाहर निकाला गया. मामले की जानकारी स्थानीय थाने को दी गयी. थाने की पुलिस ने वहां पहुंच कर दूसरी गाड़ी से सबों को गोपालगंज सदर अस्पताल भेजा. वहां पुलिसकर्मियों और चालक का इलाज किया जा रहा है. 


वैसे पुलिसकर्मियों की जान बचाने वाले कैदी पर वर्दीधारियों ने कोई रहम नहीं दिखायी. कैदी को भी चोटें आयी थी लिहाजा सदर अस्पताल में उसका भी इलाज किया जा रहा था. पुलिसकर्मियों ने इलाज के दौरान भी उसके हाथों में हथकड़ी लगाये रखा. जबकि इलाज के दौरान किसी को हथकड़ी लगा कर नहीं रखा जा सकता.