PATNA : मंगलवार शाम को चार देशरत्न स्थित संवाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया है. बिहार में अब जमीन की मापी में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होगी. नीतीश सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. बिहार में अब डिजिटल मशीन से जमीन की मापी कराई जाएगी.
बिहार में जमीन की मापी ईटीएस डिजिटल मशीन से कराई जाएगी. इसके लिए नीतीश सरकार 42 करोड़ 66 लाख की ईटीएस यानी कि इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन खरीदने जा रही है. गौरतलब हो कि बिहार में लगातार जमीन विवाद के मामले सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सैकड़ों समस्याएं सामने आईं.
बताया जा रहा है कि सरकार जो नया वाला ईटीएस मशीन खरीदने जा रही है. इससे कोई विवाद ही नहीं होगा. दरअसल इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ETS) मापन प्रक्रिया में अमीन मशीन को किनारे पर खड़ा कर मापी किए जाने वाले खेत के किनारे पर प्रिज्म रख देंगे. इसके बाद बटन दबाते ही मशीन से किरणें निकलेंगी और प्रिज्म से प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड कर लेगी. इसमें GPS का भी उपयोग मापी के लिए किया जाएगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस माध्यम से एक साथ 50 प्लॉट की मापी की जा सकती है.
नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि बिहार के सभी 534 अंचलों में एक-एक, 101 अनुमंडलों में एक-एक और सभी 38 जिलों में दो-दो मशीने दी जाएंगी. यानी कि 42 करोड़ 66 लाख की कुल 711 मशीने खरीदी जाएंगी. सरकारी आंकड़े के मुताबिक एक मशीन की कीमत 6 लाख रुपये बताई जा रही है.
मशीन आ जाने के बाद इससे मापी का काम तो तेजी से होगा ही, किसी को गड़बड़ी की शिकायत नहीं होगी. अमीन मापी में हेरफेर नहीं कर पाएंगे. सरकार नई व्यवस्था से मापी के लिए सभी अमीनों को ट्रेनिंग देगी. राज्य सरकार ने जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. सरकार का मानना है कि राज्य में सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं जमीन विवाद के कारण होती है. इसमें मापी की गड़बड़ी आग में घी का काम करती है. लिहाजा सबसे पहले इस कमी को दूर करना जरूरी है.