PATNA : बिहार में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की जद में बड़ी तादाद में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी आ रहे हैं। संक्रमण की वजह से पटना के बड़े अस्पतालों में जांच और इलाज प्रभावित हो रहा है। 90 फीसदी स्टाफ संक्रमित होने के बाद कई निजी क्लीनिक और अस्पतालों में इलाज बंद करना पड़ा है। जबकि कई बड़े अस्पतालों में हालात बिगड़ रहे हैं। पटना एम्स में 384 डॉक्टर-स्टाफ संक्रमित हुए हैं। हालांकि इसमें से कुछ ठीक भी हुए हैं।
पटना एम्स में अभी भी 14 फैकल्टी, 30 रेजीडेंट समेत 90 स्टाफ संक्रमित हैं। इसकी वजह से एम्स के ओपीडी और कोविड वार्ड में इलाज पर असर पड़ा है। उधर पटना के पीएमसीएच में प्रिंसिपल समेत 30 डॉक्टर और 49 स्टाफ संक्रमित हैं। आईजीआईसी के 8 डॉक्टर संक्रमित हैं। पटना के एनएमसीएच में 40 डॉक्टर और स्टाफ पॉजिटिव पाए गए हैं। एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब के एक डॉक्टर समेत आधा दर्जन टेक्नीशियन और डाटा ऑपरेटर संक्रमित हैं। आईजीआईएमएस में 22 डॉक्टर और 50 नर्सिंग स्टाफ संक्रमित हैं।
अन्य जिलों की बात करें तो मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच समेत जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों में 10 से 35% तक डॉक्टर और कर्मी पॉजिटिव हो गए हैं। एसकेएमसीएच प्रबंधन ने ओपीडी और सर्जरी सेवा को बंद करने का फैसला लिया है। भागलपुर के जेएलएनएमसीएच के 27 डॉक्टर समेत जिले में कुल 37 डॉक्टर अब तक बीमार हो चुके हैं। जेएलएनएमसीएच में 14 पीजी और 13 फैक्लटी डॉक्टर भी संक्रमित हैं। हटिया रोड तिलकामांझी स्थित आश्रय नर्सिंग होम भी बंद हो गया। इसी तरह पूर्णिया में भी परेशानी बढ़ी है। गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वार्ड के नोडल पदाधिकारी ही संक्रमित हो गए। शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल के नौ कर्मी बीमार हैं।