PATNA : बिहार में सीआईडी यानी अपराध अनुसंधान विभाग का अधिकार बढ़ाने की तैयारी चल रही है। सीआईडी को जल्द ही यह अधिकार मिलेगा की वह खुद मामले दर्ज करे और आरोपियों की गिरफ्तारी भी करे। सरकार इसपर गंभीरता से विचार कर रही है कि सीआईडी के लिए अलग थाना खोला जाए। इस फैसले पर मुहर लगी तो बिहार पुलिस की अन्य एजेंसियों की तरह सीआईडी में भी एफआईआर दर्ज होगी।
फिलहाल सीआईडी किसी मामले की केवल जांच की जिम्मेदारी संभालती है। अपराध अनुसंधान विभाग अभी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकता। इसकी वजह अपना थाना नहीं होना है। जिलों में दर्ज होनेवाले आपराधिक मामलों का अनुसंधान अपने जिम्मे लेने का उसे अधिकार है। सीआईडी किसी मामले मि जांच अपने नियंत्रण में लेती है तो आईओ जिला पुलिस का ही होता है लेकिन सुपरविजन सीआईडी करती है। आईओ भी सीआईडी के नियंत्रण में रहता है।
देश के कुछ राज्यों में पहले से इस तरह की व्यवस्था है। ओडिशा और कर्नाटक जैसे राज्यों में सीआईडी को यह अधिकार मिला हुआ है कि वह केस दर्ज करे। बिहार पुलिस के अधीन एंटी टेररिज्म स्क्वॉयड (एटीएस), आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का भी अपना थाना है। यदि सीआईडी के लिए थाना खोलने की मंजूरी मिलती है तो उसके द्वारा भी एफआईआर दर्ज कर कांडों का अनुसंधान किया जा सकता है।