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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Sat, 02 Dec 2023 12:35:32 PM IST
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PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुदा किसी भी तरह का कोई कारोबार करना गैर कानूनी माना गया है। लेकिन बावजूद इसके इस कानून की वस्तु स्थिति क्या है वह किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में अब इस शराबबंदी कानून को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन मांझी ने बड़ी बात कह डाली है। मांझी ने कहा है कि - शराबबंदी सफल नहीं है यदि हमारी सरकार आई तो बिहार में फिर से शराब चालू हो जाएगा।
जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश सरकार और मद्य निषेध विभाग के तरफ से यह दावा किया जाता है कि शराबबंदी सफल है इनको नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए लेकिन हकीकत यह है कि शराबबंदी के मामले में जो बंदी है उसमें 80% दलित लोग हैं जो एक पैग पिकर शाम में घर जाता है। वैसे लोगों को इन्होंने बंद कर रखा है।
माझी ने कहा कि ₹500 कमाने वाले 2000 और 3000 कहां से देगा इसी वजह से वह जेल चला जाता है। आपका यह शराबबंदी कानून कहीं से सही ही नहीं है यदि मेरी सरकार आएगी तो हम लोग या तो गुजरात के तर्ज पर इस कानून को लागू करेंगे या यूं ही खुला छोड़ देंगे। पहले से तो बिहार में शराब चालू था ही ना।
इसके आगे मांझी ने खुद को लेकर सीएम नीतीश कुमार के तरफ से कही गई बातों पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि- यदि उस समय मैं विधानसभा में नहीं रहता तो सीएम के उस बर्ताव को बर्दास्त नहीं करता। मैं विधानसभा के अंदर था इस वजह से लिहाज कर लिया। नीतीश कुमार की सोच शुरू से दलित के प्रति नकारात्मक रही है। हमें कहां आरक्षण है। इस बात को जानने के लिए आरक्षण आयुक्त का पद था। उसे भी नीतीश कुमार ने गायब कर दिया। यही तो नीतीश कुमार का दलित प्रेम है।
इतना ही नहीं 2017 में क्लास फोर में शेड्यूल कास्ट से बहाली को बंद कर दिया और अब एजेंट के माध्यम से बहाली करवाते हैं। पहले ऐसी प्रक्रिया नही थी। पहले डायरेक्ट बहाली होती थी कोई आउट सोर्स से नही। शिड्यूल कास्ट को लेकर नीतीश कुमार का रोल शुरुआत से ही नकारात्मक रहा है और ये सिर्फ ढोल पिट रहे कि हम शिड्यूल कास्ट के हिमायती थे।
इसके आगे उन्होंने रत्नेश सदा को लेकर कहा कि, बिहार सरकार में क्या होता है कि यह आपने देख लिया। यहां अपने मंत्री का माइक छीन लिया गया, हम रहते तो बर्दास्त नही करते। ऐसे मंत्री के साथ कोई कैसे कर सकता है। हम तो यही कहना चाहता हूं कि शिड्यूल कास्ट से आने वाले मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। मुझे तो यह समझ में नहीं आता है कि बेइज्जत होकर कोई कैसे पद पर बना रह सकता है।
नीतीश कुमार जी कहते है हम शेड्यूल कास्ट के हिमायती हैं। इसको लेकर उन्होंने भीम संसद का आयोजन भी करवाया। रत्नेश सदा जब बोलने लगे तो उनका माइक छीन लिया गया और हाथ पकड़ कर बैठा दिया गया। फिर उनको खूब डांटा गया कि- तुम क्या जानते हो? ये सब तो सरकारी है तुम कुछ भी बोलते हो बोलने नही आता। उनको ठीक उसी प्रकार डांटा गया। जिस प्रकार विधानसभा में जीतन राम मांझी को बेइज्जत किया गया था। सच यही है की वो कभी भी शिड्यूल कास्ट के हिमायती नहीं रहे हैं।
उधर, मांझी ने कहा कि हमलोग 5 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर में नीतीश कुमार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे और हवन भी करेंगे। नीतीश कुमार स्वाहा। नीतीश कुमार स्वाहा। नीतीश कुमार स्वाहा करेंगे। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि, हमलोग 24 दिसंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में दलितों का महासम्मेलन बुला रहे हैं। जिसमें नीतीश कुमार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर किया जाएगा।